यह जानकारी डीएसपी, सतर्कता कटक डिवीजन, सुरेंद्र रायगुरु ने दी. बताया गया है कि महापात्र ने एक वाहन के मालिक से रिश्वत की मांग की थी, जिसने अपना बकाया बकाया चुकाने के लिए ड्रेनेज डिवीजन को अपना वाहन किराए पर दिया था. मालिक ने शिकायत के साथ भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी से संपर्क किया था, जिसके बाद सुबह जाल बिछाया गया था. जब सरकारी अधिकारी ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, तो वेटिंग विजिलेंस के अधिकारियों ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया. बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
![](https://indoasiantimes.com/wp-content/uploads/2021/05/IAT-400x330.jpg)