भुवनेश्वर. आय से अधिक संपत्ति के मामले में ओडिशा सतर्कता के जाल में फंसने के बाद ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (ओएसएससी) के एक सदस्य के दागी निजी सचिव (पीएस), बिरंची नारायण साहू की मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्तता की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा. ईडी के संयुक्त निदेशक माधव चंद्र मिश्र ने बुधवार को कहा कि ईडी ने उनके (बिरंची) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी गई है. इस बीच, जांच से जुड़े ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी बिरंची की अवैध संपत्ति के स्रोतों का पता लगाने की कोशिश करेगी, जिसकी कीमत लगभग 3.79 करोड़ रुपये है. ईडी मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच करेगा.
अधिकारी ने कहा कि ईडी पूछताछ के लिए बिरंची की कस्टडी रिमांड हासिल करने की योजना बना रहा है, ताकि उसके लेन-देन के बारे में जानकारी हासिल की जा सके. ओडिशा विजिलेंस ने पिछले दिन उनके आवास, कार्यालय और अन्य परिसरों पर एक साथ छापेमारी के बाद 31 जुलाई को बिरंची को गिरफ्तार किया था. तलाशी के दौरान, भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों ने 3.79 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति से संबंधित कागजात का पता लगाया था, जिसमें भुवनेश्वर के नीलाद्री विहार में दो-दो मंजिली इमारतें, राज्य की राजधानी, पुरी और खुर्दा में 14 प्लाट, 56 लाख रुपये की बीमा जमा, 25 लाख रुपये नकद और 60 लाख रुपये के सोने के गहने शामिल थे. इधर, राज्य सरकार ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तारी के बाद कल बिरंची को अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज दिया.