भुवनेश्वर. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (बीपीआईए), भुवनेश्वर के निजीकरण को मंजूरी दे दी है. यह जानकारी नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में दी. उन्होंने कहा कि एएआई बोर्ड ने पांच अन्य हवाई अड्डों के साथ-साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए भुवनेश्वर हवाई अड्डे को पट्टे पर देने की मंजूरी दे दी है. निजीकरण किए जाने वाले पांच अन्य हवाई अड्डों में वाराणसी, अमृतसर, रायपुर, इंदौर और त्रिची हैं.
सांसद सुभाष चंद्र सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में, मंत्री ने कहा कि एएआई बोर्ड ने 5 सितंबर, 2019 को आयोजित अपनी 190वीं बैठक में संचालन के लिए भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, रायपुर, इंदौर और त्रिची जैसे छह अन्य हवाई अड्डों को पट्टे पर देने की मंजूरी दी है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों की नीति को मंजूरी दी गई थी, जिससे सरकार या निजी संस्था या सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ. राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति, 2016 भी पीपीपी मार्ग के माध्यम से हवाई अड्डों के विकास पर जोर देती है.
इसमें कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय राज्य सरकारों या निजी क्षेत्र या पीपीपी मोड में हवाई अड्डों के विकास को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा. 2006 में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हवाई अड्डों के संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए पीपीपी मॉडल के तहत दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों को पट्टे पर दिया.
2018-19 में और छह हवाई अड्डे अर्थात एएआई द्वारा पीपीपी के तहत अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु को सम्मानित किया गया.