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विवाद के बार राज्य सरकार ने फैसला वापस लिया
भुवनेश्वर. राजधानी स्थित मास्टर कैंटीन चौक से प्रतिष्ठित घोड़े की मूर्ति अब नहीं हटेगी. लंबे विवादों और आलोचनाओं के आगे झुकते हुए ओडिशा सरकार ने मंगलवार को भुवनेश्वर के मास्टर कैंटीन स्क्वायर में प्रतिष्ठित घोड़े की मूर्ति को स्थानांतरित करने के अपने फैसले को वापस लेने का फैसला किया है.
आयुक्त, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) संजय सिंह ने योजनाओं में बदलाव की जानकारी दी और कहा कि यह सरकारी स्तर पर तय किया गया है.
पिछले महीने की शुरुआत में भुवनेश्वर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (बीएससीएल) ने प्रतिमा को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था, जो प्राचीन कलिंग की शक्ति का प्रतीक है और प्रस्ताव को राज्य संस्कृति विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया था.
राज्य सरकार ने कहा था कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजधानी शहर रेलवे स्टेशन में सड़कों के चौड़ीकरण और मल्टी-मोडल हब के निर्माण के बाद प्रतिष्ठित मूर्तिकला अपनी दृश्यता खो देगी. इसलिए इसकी सुंदरता को ठीक से प्रदर्शित करने के लिए इसे गवर्नर हाउस के सामने गोल चक्कर द्वीप में रखा जाएगा.
इसके बाद मास्टर कैंटीन स्क्वायर से राजभवन स्क्वायर में इस मूर्ति को स्थानांतरित करने के ओडिशा सरकार के फैसले का विरोध करते हुए विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने प्रतिष्ठित मूर्तिकला के पास प्रदर्शन किया था. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कई अन्य संगठन भी ओडिशा सरकार के फैसले के विरोध में आंदोलन में शामिल हुए थे.