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ओडिशा के प्रतिपक्ष के नेता की विकिपीडिया में आपत्तिजनक बातें लिखे जाने का मामला गरमाया

  • सरकार की खामियों को उजागर करने के कारण मेरे खिलाफ नीच षड्यंत्र – प्रदीप्त नायक

  • दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग

भुवनेश्वर. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त कुमार नायक की विकीपीडिया पेज पर अज्ञात लोगों द्वारा आपत्तिजनक बातें लिखे जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की खामियां को उजागर करने के कारण उनके खिलाफ नीच षड्यंत्र किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले के दोषियों को के खिलाफ कार्यवाही की जाए.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक गुरुवार को कलाहांडी जिले के दौरे पर थे और प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने इस सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार किया था. साथ ही उन्होंने कलाहांडी से जुड़े कुछ सवाल पूछा था. इसके बाद उनके विकीपीडिया पेज पर आपत्तिजनक बातें लिखे जाने की बात सामने आयी थी.

नायक ने कहा कि विकिपीडिया में मेरे नाम को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें लिखे जाने की जानकारी उन्हें मिली है, जिससे उन्हें काफी कष्ट हुआ है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने किसी का अमंगल नहीं चाहा है. राजनीतिक व सामाजिक जीवन में होने के कारण केवल वह केवल उनके कर्तव्यों का ही निर्वहन करते हैं. इसके बावजूद उनके खिलाफ क्यों कोई साजिश रच रहा है, वह उनके समझ से परे है. उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता की जिम्मेदारी के कारण लोगों के प्रश्न, लोगों के प्रति हो रहे अन्याय को लेकर सरकार को सवाल करना उनका कर्तव्य है. जाजपुर में पंचायत अधिकारी स्मिता रानी विशाल हत्या हो या फिर नयागढ़ की 5 साल की बच्ची परी की हत्या जैसे मामले में उन्होंने अपना दायित्व का ही निर्वहन किया है. सरकार पर दबाव बनाने के लिए विधानसभा को चलने नहीं नहीं दिया, यह उनका कर्तव्य था.

उन्होंने कहा कि इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला उठाने के कारण भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की हत्या हुई. इस मामले को भी उन्होंने उठाया.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक गुरुवार को कलहांडी के दौरे पर थे. कलाहांडी जिले के कुछ मौलिक समस्या जैसे इंद्रावती राइट कनाल व अन्य लिफ्ट इरिगेशन परियोजना में किसानों तक पानी न पहुंचने तथा जिले में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना में देरी आदि मुद्दों को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से कुछ सवाल किया था. उन्होंने सवाल किया कि कलाहांडी के पुत्र होने के कारण क्या यह उनका अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि सरकार को कटघरे में खड़ा करना शायद सत्ता पक्ष से सहन नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक विमर्श का एक स्तर बना रहना चाहिए, लेकिन यह स्तर इतना गिर जाएगा उन्होंने कभी सोचा नहीं था. उन्होंने कहा कि 20 साल के निरंकुश शासन में रहने के कारण सत्तारुढ़ पार्टी के लोगों का घमंड स्पष्ट रुप से इसमें प्रतिफलित हो रहा है.

 

उन्होनें मुख्यमंत्री नवीन पटनाय़क से अपील की कि वह इस मामले के दोषियों को पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें.

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