भुवनेश्वर. 23 सितंबर को दिनकर जयंती है। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम एक अखिल भारतीय दिनकर काव्यपाठ प्रतियोगिता आयोजित करने जा रहा है। उसके नियम तथा स्वरूप भी तय किये गये हैं.
- प्रतियोगिता दिनकर जी के काव्यपाठ से संबंधित होगी।
- यह प्रतियोगिता दो समूहों में होगी – कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग।
- कनिष्ठ वर्ग में 11 वर्ष तक की उम्र के वे बच्चे भाग ले सकेंगे जिनका जन्म एक सितम्बर, 2009 को या उसके बाद हुआ हो।
- वरिष्ठ वर्ग में 11 वर्ष 1 दिन से लेकर 18 वर्ष तक के वे प्रतिभागी भाग ले सकेंगे, जिनका जन्म 1 सितम्बर, 2002 को या उसके बाद और 31 अगस्त, 2009 को अथवा उससे पहले हुआ हो।
- काव्यपाठ का समय कनिष्ठ वर्ग के लिए 1:30 से 2 मिनट और वरिष्ठ वर्ग के लिए 2 से 3 मिनट होगा।
- कविता का चयन प्रतियोगी स्वयं करेंगे।
- कविता शुद्ध और प्रामाणिक होनी चाहिए। अलग-अलग मुक्तकों की बजाय एक ही भाव की कविता या प्रसंग होना चाहिए।
- कविता ओज, शृंगार, प्रबोधन, व्यंग्य, करुणा, मानवीय सरोकार- किसी भी पक्ष से संबंधित हो सकती है।
- आकलन का आधार आत्मविश्वास, पूर्ण स्मरण, शुद्ध उच्चारण, हाव-भाव और प्रभावी प्रस्तुति होगा।
- समय-सीमा से कम या अधिक बोलने वाले वाचकों के अंक काटे जाएँगे।
- कागज़ देखकर पढ़ने वाले को प्रतियोगिता में स्थान नहीं मिलेगा।
- देशभर के प्रतियोगी अपनी कविता की वीडियो यूट्यूब पर बनाएँगे। उसे अनलिस्टेड मोड पर रखेंगे तथा उसका लिंक अपने कनिष्ठ या वरिष्ठ वर्ग के निम्नलिखित लिंक पर अपलोड करेंगे।
कनिष्ठ वर्ग का लिंक
https://forms.gle/zJxqESzAJtiyQQTZ7
वरिष्ठ वर्ग का लिंक
https://forms.gle/araEKwqdQjJk1w4ZA
वीडियो में प्रतियोगी खड़ा हुआ कविता बोलेगा, किन्तु फ़ोटो उसके ऊपरी भाग का आना चाहिए ताकि निर्णायकों को उसकी भावमुद्राएँ स्पष्ट दीख सकें। प्रतियोगी प्रविष्टि में हिंदी में अपने प्रान्त का नाम, अपना नाम, माता/पिता का नाम, जन्म-तिथि, कक्षा, पता, व्हाट्सएप वाला मोबाइल नम्बर, अपना ईमेल पता तथा अपनी वीडियो का लिंक भी भेजेगा।
ध्यान रखें
- हम यह मानकर चल रहे हैं कि प्रतिभागी का परिचय प्रामाणिक है तथा बोली गई कविता उसे पूरी तरह स्मरण है। गलत होने पर उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।
- एक प्रतियोगी केवल अपने प्रान्त से और केवल एक ही प्रविष्टि भेज सकता है। दूसरी प्रविष्टि का प्रमाण मिलते ही उसे सभी जगहों से बाहर कर दिया जाएगा।
- 13 सितंबर को प्रत्येक प्रांत के तीन सर्वश्रेष्ठ कवितावाचक घोषित होंगे, जिन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए आगे प्रेषित किया जाएगा।
- राष्ट्रीय प्रतियोगिता का अंतिम चयन 20 सितंबर रविवार को संपन्न होगा।
- देशभर से आए प्रतियोगियों में से दोनों वर्गों के प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय विजेताओं को 23 सितंबर दिनकर जयंती पर होने वाले दिनकर काव्यनाद समारोह में काव्यपाठ का अवसर दिया जाएगा तथा उन्हें पुरस्कार राशि भेंट की जाएगी।
- प्रथम, द्वितीय, तृतीय के अतिरिक्त प्रविष्टियों की गुणवत्ता के आधार पर अन्य कुछ प्रोत्साहन पुरस्कारों की भी व्यवस्था की गई है, जिसकी घोषणा 23 सितंबर को ही की जाएगी।
- कनिष्ठ वर्ग के प्रथम विजेता को 11000, द्वितीय को 5100 तथा तृतीय को 3100 की राशि प्रदान की जाएगी।
- वरिष्ठ वर्ग के विजेता को 21000, द्वितीय को 11000 तथा तृतीय को 5100 की राशि प्रदान की जाएगी।
- निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा जिसे चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
- प्रतियोगिता में कविता को याद करके बोलना अनिवार्य है। हमारे निर्णायक यह सुनिश्चित करेंगे कि कविता निश्चित समय में तथा स्मरण करके ही बोली गई है।
- राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विजयी कविता के अतिरिक्त कुछ और काव्यपाठ करने के लिए भी कहा जा सकता है। उसके नियम सितम्बर के प्रथम सप्ताह तक प्रेषित कर दिए जाएँगे।
कवितापाठ का समय कविता के पहले शब्द से लेकर कविता के अंतिम शब्द तक गिना जाएगा। - कवितापाठ से पहले यह वाक्य कहना होगा – (उदाहरण)
मैं सोनाली शर्मा, दिल्ली के करावल नगर से दिनकर की एक संक्षिप्त कविता सुना रही हूँ, जिसके बोल हैं -कलम आज उनकी जय बोल…। या
मैं विजय सिंहल लखनऊ के मोहननगर से दिनकर की रचना कुरुक्षेत्र से वह अंश सुनाने जा रहा हूँ जिसमें शर-शैया पर लेटे भीष्म युधिष्ठिर को वीर धर्म का उपदेश दे रहे हैं - भूमिका 30 सेकेंड से अधिक नहीं होनी चाहिए। उसका समय कविता में नहीं गिना जाएगा।
- प्रतियोगी अपनी कविता का वीडियो बनाकर और अपना परिचय लिखकर तैयार रखें। वीडियो और परिचय अपलोड करने की अवधि 15 अगस्त से 31 अगस्त रहेगी
- प्रतियोगिता के परिणाम से पहले प्रतियोगी की कविता अन्य किसी मंच या मीडिया पर प्रस्तुत नहीं होनी चाहिए, वरना उसे प्रतियोगिता से बाहर समझा जाएगा।
- अपनी प्रस्तुति की गोपनीयता बनाने का दायित्व प्रतियोगी का होगा। (यदि प्रतियोगी अपनी वीडियो की विजिबिलिटी ‘अनलिस्टेड’ कर देगा तो उसे और कोई नहीं खोल सकता। गोपनीयता रखने का यही एकमात्र उपाय है। यह भी ध्यान रखें कि गलती से आप उसे और किसी पटल पर न डाल दें । यह जिम्मेदारी आपकी होगी।)
- किसी प्रतियोगी को दिनकर के काव्य के किसी शब्द में परिवर्तन का कोई अधिकार नहीं है। कविता की शुद्धता का दायित्व प्रतियोगी का है। वह कविता को प्रामाणिक स्रोत से लें।
प्रतियोगिता-संयोजक
डॉ. अशोक बत्रा 98122 34974
हेल्पलाइन
सर्वेश कुमार मिश्र
8127777477
मल्लिका रुद्रा
9340248766