नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई धार्मिक दंगों के पीड़ितों ने राष्ट्रीय महिला आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। दंगों में मारे गए हरगोविंदो दास और चंदन दास की पत्नी ने एक दर्दनाक घटना को बताते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर को पत्र लिखा है। राष्ट्रीय महिला आयोग नेइसमामलेमेंतत्काल संज्ञानलेतेहुएपश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर घटना पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ इस मामले में पुलिस की भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने शिकायत में नामित संबंधित अधिकारियों को 9 मई 2025 को सुबह 11:00 बजे व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए भीतलबकियाहै।
सोमवार को आयोग ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पत्र में पीड़ितों ने राज्य सरकार द्वारा किए गए अत्याचार का विवरण दिया। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस ने उन्हें न्याय देने के बजाय उन्हीं का उत्पीड़न किया। उन्हें सुरक्षा देने के बजाय, एक राजनीतिक कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धमकियां और जबरदस्ती की गई। पत्र में एक भयावह घटना का जिक्र किया गया है, जिसमें कोलकाता में उनके अस्थायी आश्रय पर पुरुष पुलिस अधिकारियों के एक बड़े दल ने हमला किया था, जिन्होंने कथित तौर पर दरवाजे तोड़ दिए, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया। राज्य की पुलिस ने बिना किसी कानूनी दस्तावेज के, बिना महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के और उनकी गरिमा की परवाह किए बिना उन्हें परेशान किया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की अपनी यात्रा के दौरान इन महिलाओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि वे दंगा पीड़ित बहादुर महिलाओं के साथ मजबूती से खड़ा है, जिन्होंने नुकसान के बावजूद भी न्याय के लिए आवाज उठाई। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी आवाज़ सुनी जाए, उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाए और न्याय से वंचित न किया जाए।
साभार – हिस
