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बीपीसीएल मप्र में करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश, मंत्रिपरिषद ने दी राज्य मिलेट मिशन को मंजूरी

  •  ट्रांसजेंडर्स को मिलेगा ओबीसी का दर्जा, मुख्यमंत्री की अध्यक्ष में हुई बैठक में अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

भोपाल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) मध्य प्रदेश के बीना में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में दी गई। मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य मिलेट मिशन के प्रस्ताव को स्वीकार करने समेत कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर को ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। वहीं, प्रदेश से निर्यात हुए गेहूं को मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति व्यापारियों को करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए नियमों में संशोधन किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान की अध्यक्षता में हुई निवेश संवर्धन समिति की बैठक में बीना रिफाइनरी में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इसमें कंपनी अपनी गतिविधियों को विस्तार देगी। इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इस निवेश के एवज में राज्य सरकार ने कंपनी को 15 साल तक सीजीएसटी में छूट देने का निर्णय लिया है। साथ ही 500 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट फ्री लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा। बिजली की दर में एक रुपये प्रति यूनिट की छूट भी सरकार कंपनी को देगी।

मंत्री सारंग ने बताया कि मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य मिलेट्स मिशन की घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि हम मोटे अनाज के प्रचार प्रसार उसके उत्पादन और उसके उपयोग इन तीनों आयामों पर काम करेंगे। इस मिशन की अवधि 2025 तक दो साल के लिए रहेगी। इसमें किसानों को सहकारी संस्थानों द्वारा मोटे अनाज के बीच 80 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी, ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज का उत्पादन करें। किसानों को इसके उत्पादन के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। मोटे अनाज के वैल्यू एडिशन के लिए सरकार अलग से जन जागरण अभियान चलाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि जो किसान मोटे अनाज का उत्पादन करते हैं। उन्हें बड़े स्तर पर उसका आर्थिक लाभ मिल सके।

उन्होंने बताया कि मोटे अनाज की ज्यादा से ज्यादा लोगों में लोकप्रियता हो, इसके लिए मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय कार्यक्रम में होने वाले भोज में मोटे अनाज से बने व्यंजन को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। मिड डे मील और छात्रावासों में भी मोटे अनाज का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

सारंग ने बताया कि इसके अलावा किसानों के हित में भी निर्णय लिए गए हैं। बैठक में यह निर्णय भी किया है कि गेहूं निर्यात करने के लिए यदि किसान मंडी शुल्क देते हैं तो उसकी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। उन्होंने बताया कि देश में ग्रीष्मकालीन मूंग का 40 फीसदी उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। बीते साल मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। उसका उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया गया था। लेकिन मार्कफेड से सिर्फ 25 फीसदी मूंग केंद्र सरकार द्वारा ली गई थी। बाकी प्रति 75 फीसदी मूंग का विक्रय मार्कफेड द्वारा किया गया था। उससे किसानों के हित में लाभ मिल सके और उचित दाम मिल सके। सरकार ने यह निश्चित किया था कि मूंग को लेकर मार्कफेड को जो आर्थिक हानि हुई है, उसकी प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी।

मंत्री सागर ने बताया कि मंत्री-परिषद द्वारा सिंचाई की दो वृहद परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें उज्जैन जिले के महिदपुर विकासखंड के ग्राम डुंगरिया के पास शिप्रा नदी पर 104 करोड़ रुपये लागत की सिंचाई परियोजना और टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
साभार -हिस

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