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भारत की रक्षा क्षमताओं ने जल, थल और वायु की सभी सीमाओं को कवर करने के लिए अत्यधिक विस्तार किया है : राष्ट्रपति मुर्मू
शोणितपुर (असम),राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को तेजपुर वायु सेना स्टेशन से सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में ऐतिहासिक उड़ान भरी। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति ने वायु सेना स्टेशन लौटने से पहले हिमालय के दृश्य के साथ ब्रह्मपुत्र और तेजपुर घाटी को कवर करते हुए लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी।
विमान को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार ने उड़ाया। विमान ने समुद्र तल से करीब दो किमी की ऊंचाई पर और करीब 800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। राष्ट्रपति मुर्मू इस तरह की उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
बाद में आगंतुक पुस्तिका में राष्ट्रपति ने एक संक्षिप्त नोट लिखकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने कहा, “भारतीय वायु सेना के शक्तिशाली सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरना मेरे लिए एक उत्साहजनक अनुभव था। यह गर्व की बात है कि भारत की रक्षा क्षमताओं ने जल, थल और वायु की सभी सीमाओं को कवर करने के लिए काफी विस्तार किया है। मैं इस उड़ान के आयोजन के लिए भारतीय वायु सेना और तेजपुर वायु सेना स्टेशन की पूरी टीम को बधाई देती हूं।
राष्ट्रपति को विमान और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की परिचालन क्षमताओं के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने भारतीय वायुसेना की परिचालन तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में राष्ट्रपति की उड़ान भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में सशस्त्र बलों के साथ जुड़ने के उनके प्रयासों का एक हिस्सा है। मार्च 2023 में राष्ट्रपति ने आईएनएस विक्रांत का दौरा किया और स्वदेशी रूप से निर्मित विमान के बोर्ड पर अधिकारियों और नाविकों के साथ बातचीत की।
सुखोई-30 एमकेआई दो सीट वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। इसे रूसी कंपनी सुखोई ने विकसित किया है और इसका निर्माण लाइसेंस के तहत भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर 6 अप्रैल को असम पहुंची थीं। उनकी यात्रा का आज अंतिम दिन है।
साभार -हिस