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तकनीकी डेटा प्राप्त करने के बाद अपराध शाखा करेगी बेनकाब
भुवनेश्वर. अपराध शाखा ने डीआरडीओ के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) की सूचना लीक करने मामले में संदिग्ध महिला की पहचान कर ली है, लेकिन तकनीकी डेटा प्राप्त करने के बाद अपराध शाखा उसको बेनकाब करेगी. यह जानकारी यहां अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध शाखा) संजीव पंडा ने दी.
उन्होंने कहा कि महिला के सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल फोटो उसके वीडियो से मेल खाती है. उन्होंने कहा कि तकनीकी डेटा प्राप्त करने के बाद मामले के बारे में विवरण का खुलासा किया जा सकता है. अपराध शाखा डेटा का सत्यापन करने के बाद आरोपी व्यक्तियों की और रिमांड मांग सकती है.
पंडा ने पहले बताया था कि संदिग्ध महिला ने दो आरोपियों से शादी करने का प्रस्ताव दिया था. उसने एक आरोपी से यहां तक कह दिया था कि वह चांदीपुर में उसके घर जाएगी. संदिग्ध महिला यूके (यूनाइटेड किंगडम) के एक मोबाइल फोन नंबर का उपयोग कर रही थी और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग करके आरोपी व्यक्तियों के साथ चैट और बात करती थी.
उसने दो आरोपियों से वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत की थी. वह हिंदी में बात करती थी और अलग-अलग नाम और तस्वीरों के साथ अलग-अलग पहचान के तहत सात फेसबुक अकाउंट के जरिए आरोपी व्यक्तियों से संपर्क करती थी.
ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा (सीबी) वर्तमान में बालेश्वर के चांदीपुर में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) से जुड़े सनसनीखेज जासूसी मामले की जांच कर रही है.
क्राइम ब्रांच के एडीजी संजीव पंडा ने बताया कि सीबी केंद्रीय एजेंसियों की सहायता लेगी तथा रहस्यमय महिला हैंडलर का पता लगाने के लिए इंटरपोल से संपर्क स्थापित करेगी.
अपराध शाखा ने पहले खुलासा किया था कि रहस्यमय महिला ऑपरेटिव द्वारा इस्तेमाल किया गया फोन नंबर यूनाइटेड किंगडम का एक वर्चुअल नंबर था, जिसे कई आईपी पतों के माध्यम से उसके मूल स्थान को छिपाने के लिए फिर से भेजा गया था.
जांच एजेंसी ने यह भी पता लगाया है कि यह महिला गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक का मोबाइल फोन हैक करने में करीब आठ महीने तक कामयाब रही और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी. वह इस प्रक्रिया में संगठन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी चुराने में सफल रही.