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-सर छोटू राम के लेखों और भाषणों पर आधरित पुस्तकों के विमोचन कार्यक्रम बोले
गुरुग्राम,उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को अपने राजनीतिक भविष्य पर विराम लगाते हुए कहा कि मैं राजनीति छोड़ चूका हूं। अब राजनीति में नहीं आऊंगा, लेकिन जनता के बीच जरूर रहूंगा। उपराष्ट्रपति आज यहां दीनबंधु सर छोटू राम के जीवन, कार्यों, लेखन और भाषण पर आधारित 5 खंडों में प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन करने पहुंचे थे। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत अन्य गण्यमान्य भी उपस्थित थे।
विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने सर छोटूराम को महान विभूति की संज्ञा दी। अपने लगभग 40 मिनट के संबोधन में नायडू ने बताया कि सर छोटू राम ने ही पहला कृषि रिफॉर्म कानून बनवाया और किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने में अहम भूमिका अदा की। जो किसान कर्ज का ब्याज दोगुना दे चुके होते थे, उनका कर्ज माफ करवाया। दीन बंधु सर छोटूराम के कार्यों और उनकी विचारधारा का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि उस समय महात्मा गांधी का विरोध करना बड़ा ही साहस का काम था। लेकिन सर छोटूराम ने 1949 में महात्मा गांधी को उनकी जिन्ना से संबंधित नीतियों का जोरदार विरोध किया था, जोकि एक बहुत ही बड़ी बात थी। लेकिन वे विरोध के बीच संबंधों को खराब नहीं करते थे।
आजादी के दीवानों को इतिहास में नहीं मिला अपेक्षित स्थान-
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने आजादी की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के संघर्ष में देश की कई महान विभूतियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, लेकिन इतिहास में उन्हें अपेक्षित स्थान नहीं मिल सका। जिस कारण उनके विचारों और उनके जीवन के महत्वपूर्ण शिक्षाप्रद पहलुओं से हमारी नई पीढ़ी वंचित हो गई।
सरकारों को किसान हित में काम करने की दी सलाह-
किसानों और मजदूरों के कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले दीनबंधु सर छोटूराम के विचार आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारों को भी किसान हित में मिलकर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कृषि के क्षेत्र में सभी सरकारों ने काफी काम किया है। अभी बहुत काम बाकी है, जिससे किसान समृद्ध हो सकें।
साभार-हिस
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