भगवान विष्णु को भगवान शिव ने वरदान दिया है कि आपका जो भी अवतार होगा. उस अवतार का दर्शन मैं अवश्य करूंगा. भगवान श्रीकृष्ण को जन्म के बाद उनकी सुरक्षा के लिए नन्द बाबा के यहां पहुंचा दिया गया था. तब नंद के यहां भगवान शिव ने मुनि के भेष में श्रीकृष्ण का दर्शन किए थे और भगवान श्रीकृष्ण को आशीष दिया था. जब अर्जुन ने भगवान शिव का तप किया था तब भगवान शिव ने अर्जुन को पासुपात अस्त्र प्रदान किया था और कहा था कि मैं श्रीकृष्ण से कहूंगा कि वह हमेशा पांडवो का साथ दें. जब बाणासुर ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था तब भगवान श्रीकृष्ण ने बाणासुर के हजारों हाथों को काट दिया था. भगवान शिव के मना करने पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने उसका वध नहीं किया था. हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि जब हम प्रभु शिव को सम्मान देंगे तभी हमें भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और सभी देवताओं की कृपा प्राप्त होगी. इस बात का पालन हमे हमेशा करना चाहिए क्योंकि यही वेदों का भी कथन है. जैसे भगवान विष्णु एवं उनके अवतार प्रभु शिव का अपमान नहीं सह सकते वैसे ही हमे भी सनातन धर्म समाज के ऊपर किए गए अत्याचारो को समाप्त करना होगा तथा अत्याचारी को दंडित करना होगा . जब तक सनातन धर्म है तभी तक सृष्टि है. यदि सनातन धर्म समाज नही रहेगा तब पूरी सृष्टि समाप्त हो जायेगी . एक भी मानव धरती पर नहीं बचेगा, जिस भी देश में सनातनी हिन्दू है वहा शांति है, लेकिन जहां सनातनी हिन्दू बहुत कम हैं वहां पर लोग आपस में ही लड़ रहे हैं. आपस में ही कट मर रहे हैं. इसलिए हिंदुस्तान और विश्व में सनातन धर्म का और सनातनी हिन्दू का बहुलता में होना जरूरी है.
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