नीलकंठ पर्वत चमोली जिले के बदरीनाथ धाम से आठ कि.मी. की चढाई पार कर हिमालयी की 6596 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। नीलकंठ पर्वत को बदरीनाथ, केदारनाथ और सतोपंथ का बेस माना जाता है। नीलकंठ पर्वत ऋषिगंगा नदी का उद्गम स्थल है। यह स्थान 12 माह बर्फ से पटा रहता है। उच्च हिमालीय क्षेत्र होने के चलते यहां हिमालीय जड़ी-बूटियों के संसार मौजूद है। इन दिनों ग्लेशियरों के घटने के बाद यहां राज्य पुष्प ब्रहम कमल से नीलकंठ पर्वत की चोटी गुलजार हो गई है।
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसर नीलकंठ पर्वत को भगवान शिव के प्रिय स्थलों में एक माना जाता है। यह हिन्दू मतावलम्बियों के लिये विशिष्ट महत्व का स्थल है। स्थानीय लोगों के अनुसार कई बार चांदनी रात में पर्वत पर भगवान की तपस्यारत आकृति भी नजर आती है।
साभार –हिस