बुधवार को मातासर गांव में मिग क्रैश होने के बावजूद पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया था। इस फाइटर प्लेन ने उत्तरलाई से प्रशिक्षण के लिए 3:20 मिनट पर उड़ान भरी थी और कुछ ही देर में इसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई। पायलट ने विमान की दिशा बदली और गांव की घनी आबादी से दूर ले जाकर खुद पैराशूट से कूद गया। जहां पर मिग गिरा उससे करीब दो किलोमीटर दूर पायलट सुरक्षित लैंड कर गया था। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पायलट की मदद की। इसके बाद पुलिस और एयरफोर्स के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
ऐसा नहीं है कि बाड़मेर में पहली बार मिग क्रैश हुआ है। पिछले 8 सालों में 7 लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हुए हैं। ज्यादातर विमान उत्तरलाई एयरबेस के 20 किलोमीटर में ही क्रैश हुए हैं। इनमें मिग-21, मिग-27, सुखोई 20 सहित यूएवी शामिल हैं। मिग 21 हादसे के बाद मौके पर पहुंची सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया था। किसी भी शख्स को घटनास्थल पर पहुंचने की इजाजत नहीं दी गई। केवल खेत के मालिक को जाने दिया गया। बताया जा रहा है कि वायुसेना बिखरे पुर्जों के साथ ही वहां जमा राख को भी जमा कर अपने साथ ले जा रही है। बताया जा रहा है कि वायु सेना और प्रशासन की ओर से खेत मालिक को मुआवजा भी दिया जा सकता है। इस बाबत वायु सेना के अधिकारियों और जिला कलेक्टर ने खेत मालिक को हुई क्षति का ब्योरा लिया है।
साभार – हिस
Check Also
Despite monsoon deficit, Kharif acreage up 32% in June, driven by pulses & oilseeds
India sees higher acreage of summer-sown Kharif crops in June despite a larger monsoon rainfall …