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फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन दवा प्रशासकों के सामने ही सुनिश्चित करें – सुशांत गौरव, उपायुक्त सिमडेगा   

  • उपायुक्त ने आज दिनांक 23 अगस्त को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खाकर, आईडीए की शुरुआत की

सिमडेगा: फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए तीन दवाओं डी.ई.सी. ,अल्बंडाज़ोल के साथ आईवरमेक्टिन चलाये जाने वाले  आईडीए का उदघाटन सिमडेगा जिले में उपायुक्त सुशांत गौरव द्वारा किया गया।
इन गतिविधियों का संचालन भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविद-19 के मानकों का अनुपालन करते हुए किया जा रहा है, जिसमें हाथ की स्वच्छता, मास्क और शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी) शामिल हैं।
जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के उद्देश्य से तीसरे राउंड की फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत सोमवार को हुई। इस मौके पर सिमडेगा सदर प्रखंड कार्यालय में उपायुक्त सुशांत गौरव, सिविल सर्जन समेत कई अधिकारियों ने फाइलेरिया की दवा खाई।
उपायुक्त ने फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का सभी 10 प्रखंडों में ऑनलाइन शुभारंभ किया। उपायुक्त ने बताया कि इस कार्यक्रम में सिमडेगा जिले के लाभुकों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. ,अल्बंडाज़ोल के साथ आईवरमेक्टिन की भी निर्धारित खुराक दवा प्रशासकों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जा रही है एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जा रहा है।
2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जा रही हैं। 2 साल से छोटे और एक साल से बड़े बच्चों को अल्बेंडाज़ोल की आधी गोली खिलाई जा रही है | इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है।
फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं | उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि फ़ाइलेरिया के जिले से उन्मूलन के लिए इस कार्यक्रम के दौरान, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन दवा प्रशासकों के सामने ही सुनिश्चित करें और अपने आस-पास के सभी लाभुकों को बूथ पर ले जाकर दवा प्रशासकों के सामने फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाना सुनिश्चित करें, साथ ही  इस कार्यक्रम में दवा प्रशासकों को अपना पूर्ण सहयोग करें।
राज्य सलाहकार सज्ञा सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन के लिए डी.ई.सी., अल्बेंडाज़ोल और आईवरमेक्टिन दवाओं (आईडीए ) के साथ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित करने के लिए देश के पांच जिलों को चुना गया है, जिसमें एक सिमडेगा भी है।
इन जिलों में तीन तरह की दवा खिलाई जानी है। सिमडेगा में इस अभियान की शुरूआत 2019 में हुई थी। इस बार तीसरा वर्ष है जब इस अभियान को युद्ध स्तर पर चलाया जाएगा. तीसरे राउंड के रिजल्ट के बाद इस अभियान की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सिमडेगा में 23 से 27 अगस्त तक फाइलेरिया की दवा लोगों को खिलाई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में सिमडेगा जिला पूर्व में भी प्रथम रहा है। इस वर्ष भी शत-प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह कार्यक्रम सिमडेगा जिले को फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने की दिशा में कारगर साबित होगा।
अभियान को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ-साथ सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रतक आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, स्वास्थ्य सहिया, एएनएम चिन्हित बूथ पर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे।
छूटे हुए लाभार्थियों को डोर टू डोर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी।
उपायुक्त ने लोगों से अपील करते हुए कहा सभी फाइलेरिया की दवा का अवश्य सेवन करें, ताकि लंबे अरसे के बाद मानव शरीर में उत्पन्न होने वाली फाइलेरिया बीमारी से निजात मिल सके।

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