लखनऊ, प्रदेश में गन्ना उत्पादन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बोलबाला करने के लिए पूर्वांचल का किसान भी अपने आप को तैयार किया है। गन्ना खेती में पूर्वांचल तेजी से आगे बढ़ रहा है।गन्ना विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक चार सालों में पूर्वांचल में गन्ना क्षेत्रफल में 1.34 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है, जो एक रिकार्ड है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ी है बल्कि गन्ना उपज में भी रिकार्ड वृद्धि हुई है।
पूर्वांचल में गन्ना क्षेत्रफल में 1.34 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी
सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वांचल में गन्ना क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी के साथ गन्ना उपज व किसानों की आमदनी बढ़ गई है। गन्ना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वांचल में पिछले चार सालों में गन्ना क्षेत्रफल 4.39 लाख हेक्टेयर से बढ़ कर 5.73 लाख हेक्टेयर हो गई है। गन्ना क्षेत्रफल में 1.34 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है।
विभाग के अनुसार प्रदेश सरकार ने किसानों को समृद्ध करने की जो योजनाएं शुरू की है। उसकी वजह किसानों को बढ़ी राहत मिली है। खासकर चीनी मिलों की स्थापना व कोरोना काल के दौरान उनका संचालन, किसानों को समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान, किसानों को तकनीक से जोड़ने की मुहिम काफी कारगर साबित हुई है।
22 हजार प्रति हेक्टेयर बढ़ी आमदनी
गन्ना विभाग के अनुसार गन्ना उपज बढ़ने के साथ किसानों की आमदनी में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले चार सालों में पूर्वांचल में गन्ना की औसत उपज 652.72 कुंतल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 722 कुंतल प्रति हेक्टेयर हो गई है। उपज में बढ़ोत्तरी से किसानों को 22512 रुपए प्रति हेक्टेयर की आमदनी हुई है। इससे पूर्वांचल के किसानों की कुल आमदनी में 1290 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है।
पूर्वांचल के किसानों को समृद्ध करने के लिए सरकार ने किसानों को 70 लाख कुंतल बीज का वितरण किया जबकि 5 लाख हेक्टेयर में ट्रेंच विधि से बुआई की गई। इसके अलावा 4 लाख हेक्टेयर में सहफसली खेती व 4042 हेक्टेयर में ड्रिप सिंचाई संयत्र स्थपित किए गए। सरकार के इन प्रयासों से किसानों की आमदनी में खासी बढ़ोत्तरी हुई है।
साभार – हिस