मुंबई, कोरोना रोधी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सायरस पूनावाला ने कहा कि जब कोरोना मरीजों की मृत्यु का आंकड़ा कम है तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। लॉकडाउन की जरूरत जब 50-60 फीसदी से ज्यादा मौतें होती हैं, तब होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से जो मौत हुई हैं, उनमें से अधिकतर मरीजों के अस्पताल तक पहुंचने में देरी के कारण हुई है।
सायरस पुनावाला को शुक्रवार को पुणे में लोकमान्य तिलक विद्यापीठ में आयोजित कार्यक्रम में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन लोकमान्य तिलक न्यास ने किया था। इस अवसर पर सायरस पूनावाला ने कहा कि पहले लोग कोरोना का उपचार के लिए अस्पताल में नहीं जा रहे थे। कोरोना रोधी टीका लेने के लिए कई समाज के लोगों ने विरोध किया था, लेकिन अब कुछ राजनीतिक दल के नेता दिसंबर तक सभी लोगों को कोरोना का टीका लगा दिए जाने का दावा भी कर रहे हैं, जो असंभव है।
उन्होंने कहा कि कोरोना रोधी टीका अभी भी बहुत कम बन रहा है, जबकि इसकी मांग अधिक है। विदेशों में बड़े पैमाने पर इसकी मांग हो रही है, लेकिन वे कोरोना टीका बेचकर धन कमाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने देशहित को ध्यान में रखते हुए कोरोना रोधी टीका बनाने के लिए करोड़ों रुपये निवेश किया है।
सायरस पूनावाला ने कहा कि उन्होंने पुणे एवं मुंबई शहर को अतिरिक्त कोरोना टीका देने के लिए केंद्र सरकार के पास पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अब तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि वे काकटेल टीका के पक्ष में नहीं है। इसका कारण परिणाम न मिलने अथवा इसका विपरीत परिणाम होने पर दोषारोपण बढ़ेगा। इसका असर कोरोना रोधी टीका बनाने वाली कंपनियों की साख पर पड़ेगा।
साभार – हिस