मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के 12 सदस्यों के मनोनयन के मामले में हस्तक्षेप से इनकार किया है। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को विधान परिषद के 12 सदस्यों की नियुक्ति के लिए 8 महीने का समय पर्याप्त है। उन्हें इस संबंध में निर्णय लेना चाहिए।
सदस्यों के मनोनयन में हो रहे अनपेक्षित विलंब के मुद्दे पर रतन सोली ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की सुनवाई 19 जुलाई को हुई थी और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यपाल को 12 सदस्यों की नियुक्ति के लिए 8 माह का समय पर्याप्त है। इस दौरान राज्यपाल को इस संबंध में निर्णय ले लेना चाहिए था, लेकिन इस मामले में हाई कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिपरिषद ने विधान परिषद में मनोनयन के लिए 12 सदस्यों के नाम की सिफारिश 06 नवंबर 2020 को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से कर दी थी। इस प्रस्ताव पर राज्यपाल की ओर से जल्द निर्णय न लिए जाने के बाद रतन सोली ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। महाराष्ट्र की 78 सदस्यीय विधान परिषद में 12 सदस्य राज्यपाल कोटे से मनोनीत किए जाते हैं।
साभार – हिस