भगवान गणेश को प्रसन्न् करने का सबसे सरल उपाय है कि हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दूर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दूर्वा न रखें। दूर्वा। दूर्वा अर्पित करते हुए बोले यह मंत्र –
इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नम:
शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की पूजा में शमी का पौधा शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने रावण पर विजपाने के लिए शमी की पूजा की थी। शमी के कुछ पत्ते नियमित गणेश जी को अर्पित करें। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में धन और सुख की वद्धि होती है।
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के ले पवित्र चावल अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा है जो टूटा हुआ नहीं होता। उबले हुए धन से तैयार चावल का पूजा में इस्तेमाल न करे। सूखा चावल गणेश जी को न चढ़ाए। चावल को पहले गीला करें फिर, इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं।
सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं. मान्यता है कि गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं. इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है. कहते हैं कि इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं. गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय यह मंत्र बोलें- ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’
गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था. इससे अन्य चीजों को खाने में गणेश जी को तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है. मोदक काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता है. यह मुंह में जाते ही घुल जाता है. इसलिए गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय हैं. मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश बहुत जल्दी खुश होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
साभार पी श्रीवास्तव