नई दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने नाबालिग बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन हिंसा की आरोपित एक महिला को अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि महिला नौकरी करती है और उसके पास से ऐसा कुछ बरामद नहीं हुआ है, इसलिए उसे पूछताछ के लिए हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है।
कोर्ट ने आरोपित महिला को पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सह-आरोपित को जमानत मिल चुकी है। आरोपित महिला पर भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आरोपित बनाया गया है। इस मामले में शिकायतकर्ता एक दूसरी महिला है। शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपित ने उसके बच्चे के साथ कई बार यौन हिंसा किया। शिकायतकर्ता महिला के मुताबिक उसके पूर्व पति से आरोपित महिला के संबंध हैं। इस नाते आरोपित महिला कभी-कभार उसके घर आया करती है। इस मामले में शिकायतकर्ता महिला का पति सह-आरोपित है जिसे अग्रिम जमानत पहले ही मिल चुकी है।
इस मामले में बच्चे का मेडिकल परीक्षण भी किया जा चुका है। उस बच्चे ने अपने बयान में शिकायतकर्ता महिला के आरोपों की पुष्टि की है। आरोप है कि बच्चा जब तीन वर्ष का था तब से आरोपित महिला उसे प्रताड़ित कर रही थी। आरोपित की ओर से पेश वकील नवीन कुमार रहेजा ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला ने ये केस जानबूझकर इसलिए किया, क्योंकि उसे शक था कि आरोपित महिला और उसके पति के बीच संबंध हैं। आरोपित महिला और शिकायतकर्ता का पति एक साथ काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले शिकायतकर्ता महिला ने अपने बच्चे का इस्तेमाल किया और चार साल बाद एफआईआर दर्ज कराई।
साभार-हिस
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
