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जीएसटी के फर्जीवाड़े का ठीकरा ड्राइवर, क्लीनर, मजदूर, माली, घरेलू नौकर, बेरोजगार, शिक्षकों के सिर फोड़ने की थी तैयारी

साभार- डा एलएन अग्रवाल जी

राउरकेला : शहर के ही व्यापारी द्वारा करीब 200 करोड़ की जीएसटी फर्जीवाड़े में राउरकेला से गिरफ्तार अमित और सुभाष को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। गुरुवार को वाणिज्यिक कर कार्यालय, कटक में जीएसटी कमिश्नर सुशील कुमार लोहानी ने बताया कि मजदूर, गृहिणी, ड्राइवर, ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक, बेरोजगार युवक आदि के नाम पर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना कर करोड़ों रुपये का कारोबार किया जा रहा था। यह सब टैक्स फांकने के लिए किया गया था। इस कारोबार में सम्भवतः एक बड़ा गिरोह शामिल है, जिसका खुलासा सीघ्र होगा। यह गिरोह सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये का चूना लगा चुका है। गिरोह के दो प्रमुख सदस्य राउरकेला सिविल टाउनशिप के अमित और बसंती कॉलोनी हरिहरपुर बस्ती के सुभाष स्वाई को इनफोर्समेंट स्कवॉयड द्वारा दबोचने के बाद घटना से पटाछेप हुआ है। दोनों आरोपितों से पूछताछ कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। यह गिरोह करीब 28 विभिन्न फर्म यानी व्यापारिक प्रतिष्ठान के नाम पर खोलकर बड़े आकार में गोरखधंधा चला रहा था। इन प्रतिष्ठानों के कागजात की जांच करने के पश्चात पूरे मामले का पता चला। विगत 23 एवं 24 नवंबर को राउरकेला में कई लोगों के घर और दफ्तर के फर्म पर छापेमारी की गई थी। खासतौर पर राउरकेला टाउनशिप में मौजूद जीएस यूनिट्रेड बसंती कॉलोनी में मौजूद बीबी एसोसिएट पर छापेमारी करते हुए कई कागजात, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डाटा को जप्त किया गया था। करीब 2 महीने की जांच करने के पश्चात इसका पता चला। करीब 28 मजदूर, गृहिणी, बेरोजगार युवा, गैर सरकारी शिच्छकों के पैन कार्ड, आधार कार्ड के जरिये विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठान खोले गए थे। जिनके नाम पर बैंक खाता भी खोला गया था और उन खातों के जरिए करोड़ों का कारोबार भी किया गया था किंतु बैंक अधिकारियों के समर्थन के बिना इतना बड़ा उलटफेर जिसमें लेनदेन की मुख्य भूमिका थी भला कैसे सम्भव हो सकता है व सरकारी शिक्षकों के मौन सहमति के बिना भी कैसे उनके नाम व्यापारिक फर्म की स्थापना की गई। वहीँ यदि विभाग भी सहमत है कि एक गिरोह सक्रिय है तो और लोगों पर फंदा कब तक और जिन लोगों के यहाँ सोनू के साथ ही छापे मारे गए थे क्या वो पाक साफ हैँ? यदि नहीं, तो सलाखों तक वो सभी कब तक? सलाख़ों के पीछे से सारे फर्जीवाड़े बदस्तूर जारी हैं फिर उसी जोर शोर से,हाई एन्ड मोबाईल व अन्य सुविधाओं से लैस।पिछले दिनों राउरकेला जेल में बन्द नारायण खेतान अव्वल दर्जे के चमकते पाजामे कुर्ते के साथ चेहरे को शर्माने वाले जूतों के साथ अतिथि सरीखे आवभगत का लुत्फ उठाते नजर आए थे, जिसकी तस्वीर वायरल हुई थी। आखिर इस धर पकड़ की भी औचित्य क्या, एक तो पकड़ में आते नहीं आते भी हैं तो शर्माते नहीं गजब का जीएसटी फर्जीवाड़ा व धन्य इनके खिलाड़ी।

फर्जी जीएसटी कांड की सूची इतनी छोटी व संख्या मे कम नहीं है इसके चपेट में कई दर्जन लोग आने वाले हैं विशेषकर एम एस इंगट फर्नेस चलाने वाले व रोलिंग मिल वालों ने इसका जमकर फायदा उठाया है कुछ एक व्यवसाई को छोड़ दें तो 90% से भी ऊपर लोगों ने फर्जीवाड़े के बहती गंगा में अपना हाथ धोया है। राउरकेला में रहने वाले 2005 के वे बिल सरगना जो कि अब राउरकेला शहर छोड़कर दिल्ली एनसीआर छेत्र से महाराष्ट्र (मुम्बई, जालना,नागपुर) छत्तीसगढ़ (रायगढ़, रायपुर) व कर्णाटक (बेंगलुरु) घूमकर ऑपरेशन चला रहे हैं, जो उद्योग जगत में बिना पानी के शराब की बोतल गटकने के लिए जाने जाते थे व भी चुटकी भर नमक के साथ अब वह विभाग के रडार में हाई अलर्ट पर हैं वह हाल में ही एक बड़े व्यापारी जिन्होंने जेल दर्शन कर फिर वापस काम धंधे पर जोर पकड़ा है वह अपने पूरे गुर्गों के साथ बड़े ही सधे तरीके से काम कर रहे हैं जिससे फर्जी जी एस टी इनवॉइस के धधकती आग से धुआं ही नहीं उठ रहा व जल्द ही इनके ऊपर विभागीय फांस कसने जा रही है। वैसे इन फर्जीवाड़े से जुड़े लोगों के साहस बढ़ने की घटना कोई बड़ी नहीं है व इनके साहस के जोर पकड़ने का कारण भी यही है कि जब पहले वे बिल कांड के हजारों करोड़ के अपराधी ही अब तक नहीं धरे गए और वही लोग पूरे जोर-शोर से करोड़ों की संपत्ति बनाकर दिल्ली ,नोएडा,मुंबई, भुवनेश्वर ,बेंगलुरु,रायपुर जैसे जगहों पर सम्पत्ति बनाकर मौज काट रहे हैं तो यह साधारण लोगों के और एक अच्छे व्यवसायियों के ध्यान भटकाने के लिए काफी है वैसे ध्यान देने वाली बात है कि एक अच्छे व्यवसाय की भी धैर्य की आखिर सीमा होती है आखिर वह कब तक अपने सामने नौसिखए लोगों को करोड़ों अरबों से खेलते भला देखता रहेगा और यही कारण है कि अंत में लोग थक हार कर सभी एक राह चल निकलेंगे तो देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या होगी।आज ही दिल्ली से खबरें आ रही कि अपेक्षाकृत जी एस टी जमाराशि ने सरकारी खजाने को निराश किया है। हजारों करोड़ों के जीएसटी घोटाले में राउरकेला में कुछ लोग ही पकड़े गए हैं बाकी तो राजगंगपुर,झारसुगुड़ा से लेकर रायपुर तक अपने जमा पूंजी के बैंकों में फिक्सड डिपॉजिट के बाद धड़ाधड़ बिल फाड़ते हुए अरबों के सपने में मशगूल हैं।

92/सी टी & जी एस टी दिनांक 22.01.20 के द्वारा कार्रवाई के तहत सहज विला के/5 गिरफ्तार किए गए जीएस यूनिट्रेड जिसका जी एस टि आइ एन 21ABZPB1302L2ZW के मालिक ने चार करोड़ 18 लाख के बोगस इनवॉइस फरवरी 2018 से अक्टूबर 2019 तक संदेहास्पद तरीके से उपयोग में लाए और उन्होंने राज्य व राज्य के बाहर से इस तहत आठ करोड़ छत्तीस लाख रुपए का हेरफेर किया इसके पश्चात 21 फ़र्म के द्वारा 166 करोड़ 31 लाख की है और फिर आंकड़ा कुल मिलाकर उन्होंने 174 करोड व ₹65 लाख के हेरफेर व गबन का काम किया है। वहीं इस आरोप के तहत उन्हें उनके निवास से रात 9:00 बजे गिरफ्तार किया गया किंतु उनके पास से किसी तरह का भी कोई नगद बरामद नहीं हो पाया। शिवाय 2 मोबाइल आईफोन के अलावा और कुछ भी उन से बरामद नहीं किया जा सका। तेरी एक अच्छी शुरुआत है विभाग के जांच के द्वारा विभागीय अधिकारियों में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ होगा उन्होंने कई दिनों से खंगालने के बावजूद कोई मजबूत शातिर महारथी हाथ नहीं लग रहा था अब इसके बाद नए नए सिरे खुलने चालू होंगे और कई बड़े नामचीन हस्तियों के गिरेबान भी विभागीय जांच के दायरे में आने की प्रबल संभावना के रूप में देखी जा रही है।विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अमित बेरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मोहरे की तरह प्रयोग में ला रहे थे उनके सिरा खुलने की शुरुआत बहुत जल्द होगी यह बात में दम है कि उड़ीसा में सरकारी विभाग जितने दमखम से काम कर रही है यदि छत्तीसगढ़ का सिरा व विभाग भी उतनी तेजी से काम करें तो यह भंडाफोड़ बहुत जल्दी होगा और लंबे आंकड़े देखने को मिलेंगे और जो खुलासा इसके बाद होगा वह शायद चौकानेवाले आंकड़ों के साथ लोगों के दिमाग को हिलाने के लिए काफी होगा।

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