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दूसरी लहर में सिर्फ 21 दिनों में रिकार्ड शिखर पहुंचा कोरोना का संक्रमण

  • ओडिशा में तेज संक्रमण के बीच मौत के काफी कम आंकड़ों ने दी राहत

  • संक्रमण के पीछे लोगों की लापरवाही को बड़ा कारण मान रहे हैं विशेषज्ञ

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

ओडिशा में कोरोना काफी तेजी से कहर बरपा रहा है. बीते 21 दिनों के दौरान 12 गुणा कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसके बावजूद राहत की खबर भी है. तेज संक्रमण के बीच मौत का आंकड़ा काफी नियंत्रित है. 21 दिनों में कुल 37 लोगों की मौत हुई है. बीते 24 घंटे के दौरान 4851 नये कोरोना पाजिटिव पाये गये हैं और पांच लोगों की मौत हुई है.

आंकड़ों पर नजर डालते हैं तो दूसरी लहर में एक अप्रैल को कोरोना संक्रमण की संख्या 394 थी. यह आंकड़ा आज बढ़कर 4851 सर्वाधिक रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है.

दो अप्रैल को कोरोना संक्रमितों की संख्या 461 थी, जबकि तीन अप्रैल को 452, चार को 471, पांच अप्रैल को 573, छह अप्रैल को 588, सात को 791, आठ को 879, नौ को 1282, 10 अप्रैल को 1374, 11 अप्रैल को 1379, 12 अप्रैल को 1741 कोरोना संक्रमित पाये गये थे. इसी तरह से 13 अप्रैल को 1784, 14 अप्रैल को 2267, 15 अप्रैल को 2989, 16 अप्रैल को 3108, 17 अप्रैल को 3144, 18 अप्रैल को 3664, 19 अप्रैल को 4445, 20 अप्रैल को 4761 तथा 21 अप्रैल को 4851 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई. यह आंकड़ा पहली और दूसरी लहर में सर्वाधिक रिकार्ड पर है.

अगर कोरोना से मौत के आंकड़े पर नजर डालते हैं तो अप्रैल महीने में चार अप्रैल को खुर्दा जिले में एक मौत हुई थी. इसके बाद सात अप्रैल को पुरी में एक व्यक्ति मौत हुई है. 10 अप्रैल को दो की मौत, 12 को दो, 14 को तीन, 15 को दो, 17 को चार सक्रमितों की मौत हुई. इसके बाद 18 अप्रैल को दो, 19 को चार, 20 को पांच और 21 अप्रैल को पांच कोरोना रोगियों की मौत हुई है.

जनता की लापरवाही बड़ा कारण

राज्य के कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सरकारी एजेंसियां कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के पीछे प्राथमिक कारण जनता की लापरवाही को मानते हैं. कुछ दिनों पहले हुए शुरू हुए टीकाकरण अभियान के बाद लोग कोरोनो वायरस को लेकर लापरवाह दिख रहे हैं, जिससे पिछले साल की तुलना में कोरोना अधिक आक्रामक रूप से फैल रहा है.

इसके अलावा, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश, मुंबई, दिल्ली तथा सूरत से प्रवासियों की वापसी, हरिद्वार से कुंभ मेले लौटने वाले लोग भी कोरोना को फैलाने वाले कारणों में शामिल हैं.

अधिक मामले छत्तीसगढ़ से जुड़े

भुवनेश्वर में इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) के निदेशक डॉ अजय परिडा ने कहा कि हम यहां जो संक्रमण देख रहे हैं, वह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के संपर्कों से है. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, केवल 4 फीसदी रोगियों में यूके कोरोनो वायरस का पता चला है.

कोरोना जांच 50 हजार करने का फैसला

इस बीच, ओडिशा सरकार ने कोरोना जांच को वर्तमान 32,000 प्रति दिन से बढ़ाकर 50,000 प्रति दिन करने का फैसला किया है. प्रवासियों को वापस लौटने से कोरोना फैलाने की आंशका को देखते हुए राज्य सरकार ने पहले से ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और सरपंचों को निर्देश दिया है कि वे कोविद देखभाल केंद्रों में संक्रमित रोगियों को संगरोध करें और उनका इलाज करें. रिपोर्टों के अनुसार, अपने घरों को लौटने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग के तहत गंजाम जिला प्रशासन ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है.

पहले ही कदम उठाये जा चुके हैं – स्वास्थ्य निदेशक

स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के बारे में ओडिशा पब्लिक हेल्थ के निदेशक, निरंजन मिश्र ने कहा कि हमने पहले ही दिन परीक्षण को 50,000 तक बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे उन मरीजों के लिए संगरोध केंद्र स्थापित करें, जिनके घरों में संगरोध की सुविधाएं नहीं हैं.

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