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जघन्य दुष्कर्म के चलते आरोपी को मरते दम तक जेल में सजा काटनी होगी

  •  विशेष पोक्सो कोर्ट ने सुनाई है यह सजा

कटक. अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाला एक आरोपी बाप को स्वतंत्र पोक्सो कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है. मंगलवार को कोर्ट ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाने और साथ-साथ 20 हजार रूपए की जुर्माना से दंडित भी किया है. आरोपी को जिंदगी की आखिरी सांस तक जेल के अंदर रहना होगा. यह सजा कोर्ट ने अपनी राय में स्पष्ट किया है.
इस के अलावा पीड़ित नाबालिग को 3लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए भी निर्देश दिया है. इस संबंध में जिला कानून सेवा प्राधिकरण ठोस कदम उठाएगी यह निर्देश अदालत ने दिया है. कटक अतिरिक्त दौरा जज व स्वतंत्र पोक्सो अदालत के न्यायाधीश वंदना कर इस संबंध में दायर मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को भादवि की धारा 376(2)( एम) 376 (एन) 376 (3) और पोक्सो कानून की धारा 6 के तहत दोषी करार किया है. आईपीसी यानी भादवि की धारा 376 (2) (एम),376(एन) 376(3) के तहत आरोपी को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 20हजार रुपए की जुर्माना से दंडित की है. हालांकि यह समाज के लिए एक कलंक होने हेतु इस मामले में पीड़ित और आरोपी का परिचय नाम अता-पता को प्रकाश नहीं किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, 15 साल की नावालिग बेटी के साथ कटक शहर में किराए पर रहता था आरोपी और उसकी पत्नी. लेकिन इस घटना के बारे में नाबालिग की मां वर्ष 2018 दिसंबर 25 तारीख को महिला थाने में आरोप लाई थी और पुलिस दुष्कर्म करने वाले आरोपी व पिता को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट चालान कर जेल भेज दिया था. पीड़ित नाबालिग गर्भवती होने की बात जान डाक्टरी जांच से पता चला था. यहां तक कि मामला अदालत में यह मामला विचाराधीन होते समय पीड़ित नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया था. जांच अधिकारी उस बच्चे का डीएनए आरोपी के डीएनए टेस्ट करते हुए मिलवाया था और उसकी रिपोर्ट अदालत को सौंपी गई थी. मामले में प्रॉसीक्यूशन की ओर से 23 गवाहों को भी पेश की गई थी. जांच के समय दी जाने वाली बयान वह भी अदालत में पेश किया गया था. डीएनए टेस्ट रिपोर्ट से मिली तथ्य अदालत में पेश की जाने के पश्चात सरकारी वकील आरोपी को कड़े से कड़े दंड देने के लिए अदालत में दरखास्त किए थे. तमाम सबूत और गवाहों को विचार में लेते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और उसके बाद यह कड़ी सजा सुनाई है. सरकार की ओर से विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रमेश चंद्र महांती और अतिरिक्त पब्लिक प्रॉसिक्यूटर विजय कुमार महांती मामला संचालन कर रहे थे.

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