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पांच जून को होगा महाप्रभु श्री जगन्नाथ का स्नान पूर्णिमा उत्सव

  • न्यूनतम संख्या में सेवायतों को भाग लेने को मिलेगी अनुमति

  • 25 मई तक श्रीमंदिर प्रशासन को देनी होगी नामों की सूची

  • हर सेवायत की होगी कोविद जांच

महाप्रभु की फाइल फोटो।

प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी

पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ का स्नान पूर्णिमा उत्सव पांच जून को श्रीमंदिर में ही आयोजित किया जायेगा. इस आयोजन में न्यूनतम सेवायतों को भाग लेने की अनुमति प्रदान की जायेगी. इसके लिए सेवायतों के नियोग की तरफ से 25 मई तक श्रीमंदिर प्रशासन को भाग लेने वाले सेवायतों की सूची को सौंपनी होगी. स्नान पूर्णिमा उत्सव के आयोजन की अनुमति आज एक बैठक बाद मिली है.

उल्लेखनीय है कि पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने आज स्नान पूर्णिमा में नियुक्त होने वाले 10 नियोगों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की थी.

इसमें एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि मंदिर के व्यवस्थापक ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई बलभद्र तथा बहन सुभद्रा के स्नान पूर्णिमा में भाग लेने के लिए सेवादारों की सूची मांगी है. कुमार ने कहा कि इस आयोजन में कम से कम संख्या में सेवायतों को भाग लेने की अनुमति दी जायेगी. सूची के आधार पर  अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए सेवायतों को पास जारी किया जायेगा. पास के बिना किसी को भी श्रीमंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. हालांकि  हम अभी यह तय नहीं कर पाए हैं कि लोगों को समारोह देखने की अनुमति दी जाए या नहीं.

बैठक में वरिष्ठ अधिकारी और 10 विभिन्न नियोग के प्रतिनिधि शामिल थे. हमने पहले दैतापति नियोग के साथ चर्चा की है. इसके बाद हम छतीसा नियोग के साथ बातचीत करेंगे. अंतिम निर्णय प्रबंध समिति की बैठक में लिया जाएगा. वर्तमान प्रतिबंध मंदिर परिसर के बाहर कोई अनुष्ठान करने की अनुमति नहीं देते हैं. हम 31 मई तक इंतजार करेंगे, ताकि दिशानिर्देशों के नए सेट के आधार पर उचित निर्णय लिया जाए. उन्होंने कहा कि हमारे पास दैतापति नियोग के साथ एक चर्चा हुई और फिर कोविद-19 पर एक ओरिएंटेशन सेसन का आयोजन किया गया. 23 मई को गराबाडु नियोग के साथ एक और सत्र है. तब तक एक निर्णय लिया जाएगा कि क्या उन्हें संस्थागत संगरोध में भेजा जाएगा या घर संगरोध में रखा जाएगा. प्रत्येक सेवायत इसके लिए तैयार हैं, ताकि इस उत्सव को सुचारू रूप से आयोजित किया जा सके.

रथ निर्माण का कार्य बनेगा मापदंड 

पुरी के जिलाधिकारी बलवंत सिंह ने कहा कि रथ निर्माण जिस प्रतिबंध के साथ चल रहा है, वह स्नान पूर्णिमा के लिए एक मापदंड प्रदान करेगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि जिस तरह से रथ निर्माण में सेवायत सहयोग कर रहे हैं उसी तरह से कोविद नियमों को ध्यान में रखते हुए इसमें सहयोग प्रदान करेंगे.

सेवातयों की कोविद जांच नेगेटिव आयी

रथ निर्माण की प्रगति पर कि उन्होंने कहा कि अब तक कोविद-19 परीक्षण के लिए भेजे गये सेवायतों के सभी नमूने नेगेटिव आये हैं. सामाजिक दूरी के साथ अन्य मानदंडों के अनुपालन से बहुत मदद मिली है. हमें उम्मीद है कि रथयात्रा के लिए रथ निर्माण समय पर संपन्न होगा. गराबाडु नियोग के सचिव रजत कुमार पटिहारी कहा कि यह विचार किया गया है कि न्यूनतम संख्या में सेवायतों की भागीदारी के साथ स्नान पूर्णिमा के सभी अनुष्ठानों को पूरा किया जाये. इसके लिए चुने गए सेवायतों को पास दिया जायेगा. जो मंदिर में प्रवेश की सुविधा प्रदान करेंगे. इस दौरान सेवायतों की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है कि किसी भी पुलिस को श्री मंदिर में आने अनुमति नहीं होगी, क्यों कोई भी दर्शक अंदर जाने वाले नहीं हैं. इसलिए अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी परंपरा के अनुसार प्रतिहारी सेवायतों की होगी. हाथ में बेंत के साथ ये पहरेदारी करेंगे.

रथयात्रा को लेकर भी एक और प्रस्ताव तैयार

साथ ही रथयात्रा को लेकर भी एक और प्रस्ताव लाया है कि पुरी में पुलिस और दर्शक विहीन रथयात्रा आयोजित की जाये. इस रथ को सेवायत खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जायेंगे और बाहुड़ा यात्रा के दिन वहां श्रीमंदिर लायेंगे. सेवायतों ने कहा कि इस परंपरा को निभाने के लिए वह कुछ भी करने के लिए तैयार हैं, लेकिन रथयात्रा को निकालने के लिए प्रशासन को अनुमति प्रदान करनी होगी. हालांकि यह प्रस्ताव श्रीमंदिर संचालन कमेटी और छतीसा नियोग की बैठक में पारित होने के बाद राज्य सरकार के पास रथयात्रा आयोजन के लिए अनुमति मांगने को भेजा जायेगा.

 

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