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कन्या भ्रूण हत्या को घनघोर अपराध बताया
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कहा – जो व्यक्ति कन्या भ्रूण हत्या करता है, उसको 28 नरकों में भी कहीं जगह नहीं मिलेगी
श्री कृष्णानुरागी पंडित शिवम विष्णु पाठक ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा के बिना राष्ट्र की उन्नति संभव नहीं है। इसलिए बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने यह बातें यहां भागवत कथा के दौरान कहीं।
माता चतुर्भुज की असीम अनुकंपा के फलस्वरूप शांति कुंज सीडीए सेक्टर 6 में दिव्य भागवत कथा का द्वितीय दिवस बहुत आनंदित रूप से मनाया गया। गुरुवार को कोलकाता से पधारे श्री कृष्णानुरागी पंडित शिवम विष्णु पाठक के भागवत के द्वितीय दिवस उत्तम प्रसंगों का वर्णन किया। सर्वप्रथम तो चतुश्लोकी भागवत का गायन हुआ, उसके पश्चात् कपिल-देव हूती संवाद के माध्यम से दिव्य जीवी बनने के लक्षण बताए गए।
24 अवतारों का दिव्य वर्णन हुआ एवं साथ ही साथ कल कथा के अंतिम प्रसंग में शिव सती चरित्र का विशाल विराट और मार्मिक वर्णन हुआ। पंडित शिवम विष्णु पाठक ने कथा में पुत्रियों के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि पुत्र होगा, तुम्हारे भाग्य से, लेकिन पुत्रियां होंगी, जब तुम्हारे जन्म- जन्मांतर, युग-युगांतर, कल्प कल्पांतर के सौभाग्य उदय होंगे। श्री शिवम पाठक ने यह भी कहा कि जिस राष्ट्र में पुत्रियों की सुरक्षा नहीं हो सकती, वह राष्ट्र कभी भी उन्नति नहीं कर सकता। हमारे राष्ट्र में यह एक चिंतनीय विषय है कि पुत्रियों की रक्षा नहीं हो पा रही है।
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उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या को घनघोर अपराध बताया और यह भी कहा कि जो व्यक्ति कन्या भ्रूण हत्या करता है, उसको 28 नरकों में भी कहीं जगह नहीं मिलेगी। नरेश गनेरीवाल एवं कमलेश गनेरीवाल के यजमानत्व में यह भव्य कथा का आयोजन हो रहा है, जो 5 दिसंबर को विश्राम लेगी। श्रोताओं से भरपूर हॉल में भरा हुआ था। कल की कथा का विश्राम ध्रुव चरित्र के साथ हुआ। हमारा संकल्प पक्का हो, तो हम 5 वर्ष की आयु में भी भगवान नारायण को पा सकते हैं। तृतीय दिवस की कथा में ध्रुव चरित्र का उत्तरार्ध भाग, नरकों का वर्णन, प्रह्लाद चरित्र, प्रभु नरसिंह का आगमन, समुद्र मंथन एवं वामन अवतार का हुआ।