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यूपीएमएस चुनाव – सात हजार सदस्यों की भावनाओं के साथ हुए खिलवाड़ को लेकर चर्चा जोरों पर

  • संगठन सचिव योगेंदर अग्रवाल ने किया आत्म मंथन का आह्वान

  • यूपीएमएस कटक शाखा सचिव ने भी स्वीकारी- एजीएम न कराना हुई बहुत बड़ी गलती

कटक. उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा के चुनाव सत्र ( 2020- 22 ) को लेकर यहां चर्चा जोरों पर शुरू हो गई है.  प्रांतीय आदेश के अनुसार जो सदस्य हैं, वही चुनाव में खड़ा हो सकते हैं और मतदान कर सकते हैं. एकल सदस्यता परंपरा के अनुसार सिर्फ 248 ही सदस्य कटक शाखा में हैं और इन्हें मतदान करने का अधिकार है, जबकि इनमें से 20 लोग चुनाव लड़ने की योग्यता रखते हैं. अन्य लगभग सात हजार सदस्यों को लेकर चर्चा का माहौल गरम है. कुछ लोग कह रहे हैं कि इनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है. अब कटक में चर्चा यह हो रही है कि 10 रुपये देकर जो सदस्य बनाए गए हैं, उनका क्या होगा. क्या सबकुछ जानते हुए भी कटक शाखा के पदाधिकारियों ने उनके साथ खिलवाड़ नहीं किया है. गौरतलब है कि इस चुनाव में एकल सदस्यता की प्रणाली के अनुसार मेंबर होना अनिवार्य बताया गया है. चुनाव अधिकारी के अनुसार, प्रांतीय अध्यक्ष अशोक जलान ने 24 जनवरी को एक ईमेल किया गया था, जिसमें उन्होंने एकल सदस्यता के तहत बने मेंबरों की संख्या बतायी थी और चुनाव लड़ने के लिए योग्य सदस्यों की भी संख्या बतायी. अब कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि इस ईमेल के बाद कटक शाखा के अध्यक्ष सुरेश कमानी ने आमसभा क्यों नहीं बुलाई और उसमें इस बात को क्यों नहीं रखी गई. यह एक सवालिया निशान खड़ा हो गया है? इधर कुछ लोगों ने कहा कि जिस तत्परता के साथ सुरेश कमानी ने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से 10 रुपये पर मेंबर बनाने के लिए दिन में कम से कम 10 बार प्रत्येक ग्रुप में व्हाट्सएप किया, तो उसी ग्रुप में यह सूचना भी देना क्यों नहीं आवश्यक समझा कि चुनाव लड़ने के लिए एकल सदस्यता जरूरी है. कुछ सदस्यों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है कि सुरेश कमानी ने एक महीने के अंदर 27 सौ मेंबर 10 रुपये की बनाकर क्या हासिल किया, जबकि उनको मतदान करने का कोई अधिकार नहीं है. इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं उन सदस्यों के साथ छलावा किया गया है.

इस संदर्भ में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा के सचिव दिनेश जोशी ने बताया कि एक गलती जरूर हुई है कि जब यह सूचना प्रांत से आयी तो एक आम सभा करके उसमें इस बात को रखनी चाहिए थी, जो किसी कारण बस नहीं हो पायी. उन्होंने कहा कि प्रांतीय दिशानिर्देश को पालन करने के लिए सभी तरह से तैयार हैं.


इस संदर्भ में कई लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दीं हैं. इनमें कटक मारवाड़ी समाज के उपाध्यक्ष एवं  उत्कल प्रदेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा के वरिष्ठ सदस्य पवन लाढसरिया ने कहा कि इस चुनाव में अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के 2 वर्ष से ऊपर के सदस्य हैं, तो वह चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह कोलकाता और दिल्ली भी बात किए उन्होंने कहा कि 10 रुपये वाले मेंबर बनाने का कहीं भी कोई जिक्र मिला. ऐसे सदस्य बनाने की प्रक्रिया का अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के राज्यस्तरीय, केंद्रीय, एवं शाखा स्तर पर कोई संविधान में उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा के 248 मेंबर ही मतदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा 10 रुपये शुल्क पर लाइव मेंबर बनाना उचित नहीं है और भविष्य में इसका कोई लाभ भी नहीं है.


उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के संगठन सचिव योगेंद्र अग्रवाल कहा कि जो हो गया सो हो गया. अब आत्ममंथन करके सही निर्णय लिया जाए, जिससे आगे चलकर कोई गलती नहीं हो. वक्त रहते गलती सुधार लेना ही चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रांतीय अध्यक्ष के दिशानिर्देश से मैं सहमत हूं. लेकिन शाखा की वैधता रद्द करने वाली बात कष्टदायक है. उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में वही उम्मीदवार खड़ा हो जो स्वच्छ छवि का हो और घरेलू हिंसा में लिप्त ना हो. ऐसे लोग ही प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. उन्होंने एक बात और कही कि कटक मारवाड़ी समाज के चुनाव में जो बातें हुईं, वह बातें उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के चुनाव में ना हो, इसीलिए शांतिपूर्ण चुनाव कराने में ही भलाई है.


इधर, चुनाव अधिकारी  सुभाष केड़िया ने बताया कि प्रांतीय अध्यक्ष अशोक जलान से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि जो अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के 248 मेंबर हैं, उनको ही मतदान करने का अधिकार प्राप्त है. गौरतलब है कि इस चुनाव के लिए श्री रामकृष्ण शर्मा एवं सुरेश कमानी ने नामांकन पत्र लिया है, जिसको जमा करने की अंतिम तिथि 29 फरवरी है. आज दोनों में से किसी ने नामांकन पत्र नहीं भरा.

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