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विकास दर बढ़ाने के लिए ब्याज दर घटना जरूरी – डॉ सुब्रह्मण्यम

  •  कहा-बेरोजगारी से निपटने के लिए मिलकर काम करें राज्य और केंद्र सरकारें

  • नालको व्याख्यान श्रृंखला के 18 वें संस्करण को किया संबोधित

    भुवनेश्वर. देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के लिए ब्याज दर को घटना जरूरी है. उक्त बातें जाने-माने अर्थशास्त्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहीं. वह आज नालको लेक्चर सीरीज के 18वें संस्करण को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. व्याख्यान का विषय अर्थव्यवस्था में नई अर्थव्यवस्था पर सार्वजनिक उपक्रमों की प्रासंगिकता था. इस दौरान संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि देश में साल 2018 विकास दर 6.8 फीसदी थी, जो साल 2019 में घटकर 4.8 फीसदी पर आ गयी. इसलिए इसको बढ़ाने में ब्याजदर को यदि 12 फीसदी से घटाकर छह फीसदी कर दिया जाये, तो ऋण लेने वालों की संख्या बढ़ेगा तथा व्यवसाय की तरफ लोगों का रूझान एक बार फिर बढ़ेगा, जिससे आर्थिक विकास दर को पंख लग सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है. ओडिशा के सामने भी यह समस्या है. ओडिशा इससे अकेले नहीं निपट सकता है. इसलिए इस विषय पर राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है. बेरोजगारी दूर करने के लिए ओडिशा को केंद्र सरकार को सहयोग करना चाहिए. इस दौरान स्वामी ने अपने अंदाज में दर्शकों को उत्साहित करते हुए एयर इंडिया के निजीकरण की कड़ी आलोचना की तथा उन्होंने इसके बजाय निजी क्षेत्र के समग्र विकास पर जोर दिया. इस कार्यक्रम का आयोजन यहां नालको भवन के सभागार में किया गया था. इस दौरान डॉ स्वामी के साथ-साथ मंच पर नालको के सीएमडी श्रीधर पात्र भी मौजूद थे. इससे पूर्व अपने संबोधन में डॉ स्वामी ने नए भारत की संरचना में भारत के सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों निर्णायक भूमिका पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमअति महत्त्वपूर्ण हैं और इन क्षेत्रों को संपन्न बनने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. सार्वजनिक लोक उद्यमों को निर्णय लेने व बाजार की गतिविधियों के अनुरूप परिचालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करनी चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सार्वजनिक लोक उद्यमों को केवल लाभ से परे बहु-आयामी उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए. कुछ विशेष कार्यक्षेत्र हैं, जो सार्वजनिक लोक उद्यमों द्वारा ही चिह्नित व विकसित किये जा सकते हैं. सार्वजनिक लोक उद्यमों को वाणिज्यिक सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार रहने की आवश्यकता है. डॉ स्वामी ने कहा कि भारत को सार्वजनिक लोक उद्यमों की क्षमता को विवेचित करना चाहिए. उन्होंने एकीकृत व्यापार संस्था के रूप में, विशेषतः भारतीय एल्यूमिनियम क्षेत्र में व समेकित रुप से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नालको के योगदान की प्रशंसा की.
    इधर, अपने स्वागत संबोधन के दौरान श्रीधर पात्र, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने कहा कि केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यम के रुप में नालको ने हमेशा ही देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने व उत्पादन, उत्पादकता व लाभप्रदता के सतत बढ़ोतरी के साथ देश-हितको सर्वोपरि रखा है. और साथ ही केवललाभ-प्रदता से परे, अपने निगम सामाजिक उत्तरदायित्व पहल से सामाजिक व आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी कंपनी राष्ट्र व भारतीय उद्योग के सतत विकास के प्रति कार्य हेतु समर्पित है.
    इस अवसर पर वक्ताओं के साथ, नालको के निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के अतिथि, पूर्व नालकोनियन भी उपस्थित थे.

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