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ओडिशा में कोरोना से बुजुर्गों की आबादी सबसे अधिक प्रभावित, एक लाख से अधिक बच्चे हुए संक्रमित

  • राज्य में बच्चों की संक्रमण दर नगण्य के बराबर

  • दूसरी लहर में लगभग 69,000 बच्चे पाजिटिव हुए

  • हर 100 में से 19 बुजुर्ग वुहान, डेल्टा और ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए

  • 19-60 वर्ष के आयु वर्ग में प्रत्येक 100 जनसंख्या में लगभग चार कोविद संक्रमण की चपेट में

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

ओडिशा में कोरोना महामारी की तीनों लहरों में अब तक लगभग एक लाख से अधिक बच्चे पाजिटिव हुए हैं और बुजुर्गों की आबादी सबसे अधिक चपेट में आयी है. इस बात का खुलासा आंकड़ों के विश्लेषण से हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा में कोरोना की हर लहर में 0-18 वर्ष के बीच के बच्चे चपेट में रहे हैं. हालांकि ओडिशा में केवल 0.68 प्रतिशत बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं. आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि हर 100 में से 19 बुजुर्ग वुहान, डेल्टा और ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए हैं. 19-60 वर्ष के आयु वर्ग में प्रत्येक 100 जनसंख्या में लगभग चार कोविद संक्रमण की चपेट में आये हैं.

ओडिशा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी के आगमन के बाद से और 16 जनवरी, 2022 तक ओडिशा में 0-18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में कुल एक लाख से अधिक बच्चे संक्रमित हुए हैं.

मार्च 2020 से राज्य में कल तक कुल 11,55,487 लोग कोरोना पाजिटिव हुए हैं. हालांकि ओडिशा में प्रति एक लाख आबादी में संक्रमण का औसत आंकड़ा 2,598 रहा है, लेकिन बच्चों में संक्रमण का आंकड़ा बहुत ही कम है.

16 जनवरी को राज्य में संक्रमित बच्चों कुल संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है. 0-18 वर्ष के वर्ग में प्रति लाख आबादी में संक्रमित होने वालों की संख्या 677 होने का अनुमान लगाया गया है. 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में शुरुआत से कुल संक्रमण केवल 99,286 रहा है. इस हिसाब से प्रति लाख बुजुर्ग लोगों में संक्रमण संख्या लगभग 19,112 रहा है.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर एक और नज़र डालने से पता चलता है कि महामारी की शुरुआत के बाद से 19-60 वर्ष के आयु वर्ग के बीच और 16 जनवरी, 2022 तक कुल पाजिटिव संख्या 9,44,381 थे. इस आयु वर्ग में प्रति लाख संक्रमण की अनुमानित दर लगभग 3,831 है. प्रति लाख संक्रमण के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में बच्चों में संक्रमण की दर सबसे कम रही है.

इस महामारी में अधिकांश बुजुर्ग प्रभावित

राज्य में तीन मुख्य आयु समूहों में प्रति लाख पाजिटिव संख्या दर में यदि तुलना करते हैं तो यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि बुजुर्गों की आबादी कोरोना महामारी में बहुत अधिक प्रभावित हुई है और सबसे कम प्रभावित होने वाली आबादी आयु वर्ग 0-18 वर्ष की रही है.

दूसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे हुए संक्रमित

कोरोना महामारी की तीनों लहरों के दौरान बच्चे सबसे अधिक संक्रमित दूसरी लहर के दौरान हुए हैं. एक अध्ययन से पता चलता है कि 0-18 वर्ष के आयु वर्ग में दूसरी लहर के दौरान लगभग 69,000 बच्चे पाजिटिव हुए थे. पहली लहर के दौरान यह संख्या लगभग 21,000 थी. तीसरी लहर की शुरुआत यानि 26 दिसंबर, 2021 से 16 जनवरी, 2022 तक  8963 बच्चे पाजिटिव हुए हैं.

तीसरी लहर में औसतन 344 बच्चे हर दिन संक्रमित

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि तीसरी लहर के दौरान 0-18 वर्ष की आयु के लगभग 344 बच्चे हर दिन संक्रमित हुए हैं. दूसरी लहर (15 मार्च से 25 दिसंबर तक) के दौरान प्रति दिन बच्चों के संक्रमण की औसत संख्या 241 थी. हालांकि पहली लहर (मार्च 2020 से 15 मार्च, 2021 तक) के दौरान हर दिन संक्रमित बच्चों की औसत संख्या करीब 62 थी. उपरोक्त तुलना से पता चलता है कि बच्चों में संक्रमण का प्रसार तीसरी लहर में अधिक रहा है. हालांकि दूसरी लहर के दौरान पाजिटिव संख्या अधिक थी, लेकिन एक बात यह भी है कि तीसरी लहर अभी शुरू हुई है.

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