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ओडिशा के सार्वजनिक अस्पतालों में भी बच्चे को जन्म देना देश में सबसे महंगा

  •  एमएमआर के मामले में ओडिशा देश के शीर्ष पांच राज्यों में

भुवनेश्वर. ओडिशा उच्च मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक है. राज्य के एक सार्वजनिक अस्पताल में भी बच्चे को जन्म देना देश में सबसे महंगा रहा है. केवल जम्मू-कश्मीर, मणिपुर (देश में सबसे ज्यादा), त्रिपुरा, असम, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में उच्च दर है.
एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा में प्रति बच्चे के जन्म का औसत आउट-ऑफ-पॉकेट (ओओपी) खर्च 4, 139 रुपये है.
इसके विपरीत राष्ट्रीय औसत खर्च 2,916 रुपये है, जो राज्य के औसत ओओपी से लगभग 1.5 गुना कम रहा है. सर्वेक्षण में पता चला है कि ओडिशा गरीब राज्यों में एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने बच्चे के जन्म पर इतना अधिक खर्च किया है.
उल्लेखनीय है कि एक गर्भवती मां के खर्च और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए ओडिशा सरकार ने एक दशक पहले ममता योजना शुरू की थी. यह योजना राज्य सरकार द्वारा गरीब गर्भवती माताओं को संस्थागत प्रसव का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करके एमएमआर में भारी कमी लाने के लिए शुरू की गई थी. योजना के तहत गर्भवती मां को बच्चे के जन्म से पहले 3000 रुपये की राशि दी जाती है.
मां और बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिलीवरी के बाद बैंक खाते में और 2000 रुपये जमा किए जाएंगे.
जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के तहत संस्थागत प्रसव के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है.

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