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खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का क्रियान्वयन

नई दिल्ली. खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया जारी है, जिस प्रकार से पिछले सत्रों में होती रही है।
खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल और गुजरात में तेजी से प्रगति हो रही है। 30 अक्टूबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 197.19 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के तुलना में 159.76 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। इस वर्ष में अब तक हुई धान की खरीद में पिछले वर्ष से 23.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 197.19 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 136.47 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 69.21 प्रतिशत है।
धान की खरीद से लगभग 16.62 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 37230.35 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।
इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नोडल एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

30 अक्टूबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 7966.63 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस खरीद से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा के 4811 किसानों को 45.51 करोड़ रुपये की आय हुई है। इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन के संबंध में आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्यों से कपास की खरीद का कार्य सुचारु रूप से जारी है। दिनांक 30 अक्टूबर 2020 तक 114376 किसानों से 176068 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 603711 गांठों की खरीद की जा चुकी है।

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