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नई सरकार बनते ही भारत को मिलेंगे नए थल सेना, वायु सेना और नौसेना प्रमुख

  •  एक ही एनडीए बैच के ‘दोस्तों’ की ‘तिकड़ी’ के पास है तीनों भारतीय सेनाओं की कमान

  •  नए डीआरडीओ प्रमुख की भी तलाश, स्क्रीनिंग कमेटी ने तीन वैज्ञानिकों के नाम सुझाए

नई दिल्ली। यह चुनावी वर्ष न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि तीनों सेनाओं को नए चेहरे मिलने के लिहाज से भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए भी अहम है। आने वाले दिनों में भारत को थल सेना, वायु सेना और नौसेना के नए प्रमुखों के साथ-साथ देश की प्रमुख रक्षा एजेंसी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए भी नया अध्यक्ष मिलेगा।
फिलहाल नौसेना, थल सेना और डीआरडीओ के लिए नए प्रमुखों को लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगले वायु सेना प्रमुख का चयन बाद में किया जाएगा। ख़ास बात यह है कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एडमिरल आर. हरि कुमार 61वें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पाठ्यक्रम में बैचमेट हैं। यह देश के लिए लगातार दूसरा मौका है जब एक ही एनडीए बैच के ‘तीन दोस्तों’ के हाथों में देश की तीनों सेनाओं की कमान है। इससे पहले भारतीय सशस्त्र बलों का नेतृत्व करने वाली ‘तिकड़ी’ में एडमिरल करमबीर सिंह, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी 56वें एनडीए बैच के साथी थे।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अप्रैल के अंत तक नौसेना को नया प्रमुख मिल जाएगा, क्योंकि 25वें प्रमुख एडमिरल हरि कुमार 30 अप्रैल को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय की चयन समिति ने पांच वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के नाम नियुक्ति पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) को भेजे हैं। उम्मीद है कि एसीसी जल्द ही अगले नौसेना प्रमुख की घोषणा करेगी।

वरिष्ठता को देखते हुए नौसेना स्टाफ के वर्तमान उप प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी प्रमुख दावेदार हैं। वाइस एडमिरल त्रिपाठी जुलाई 1985 में नौसेना में शामिल हुए। उन्हें संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में विशेषज्ञता हासिल है और उन्होंने फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर सिग्नल संचार अधिकारी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अधिकारी के रूप में भूमिकाएं निभाईं हैं। उन्होंने अपने नेतृत्व में परिचालन क्षमताओं को बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना के जहाजों आईएनएस विनाश, आईएनएस किर्च और आईएनएस त्रिशूल की कमान संभाली है।
इसके बाद अगली नियुक्ति सेना प्रमुख की होगी, क्योंकि जनरल मनोज पांडे 31 मई को अपना पद छोड़ देंगे। जनरल पांडे ने 30 अप्रैल, 2022 को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे से सेना की बागडोर संभाली थी। भारतीय सेना चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है, जिसमें 2 मिलियन से अधिक सक्रिय कर्मी हैं। सेना प्रमुख के अलावा शीर्ष पदों के लिए पांच वरिष्ठतम अधिकारियों को भी चुना जाना है। उत्तरी कमान में कमांडर के रूप में महत्वपूर्ण कार्यकाल के बाद 15 फरवरी को सेना के उप प्रमुख बने लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी मौजूदा सेना अध्यक्ष जनरल पांडे के बाद सबसे वरिष्ठ सेना अधिकारी हैं।

इसके साथ ही सरकार को नए डीआरडीओ प्रमुख की भी तलाश है, क्योंकि एजेंसी के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामथ करीब तीन साल के कार्यकाल के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। भविष्य के युद्ध के लिहाज से डीआरडीओ उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में लगा है। स्क्रीनिंग कमेटी ने डीआरडीओ के तीन वरिष्ठ वैज्ञानिकों के नाम सुझाए हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली के महानिदेशक डॉ. बीके दास, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कम्प्यूटेशनल सिस्टम और साइबर सिस्टम के महानिदेशक सुमा वरुघीस और मिसाइल और रणनीतिक सिस्टम के महानिदेशक उम्मालनेनी राजा बाबू दास हैं।
साभार – हिस

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