Home / National / सेना की वर्दी पहनते ही बच्चों को चूमा, पतियों की शहादत को किया सलाम

सेना की वर्दी पहनते ही बच्चों को चूमा, पतियों की शहादत को किया सलाम

  •  पति का सपना पूरा करने वाली महिला अधिकारियों के कन्धों पर लगे स्टार, सेना में कमीशन किया गया

  •  पासिंग आउट परेड के बाद दोनों महिलाओं के चेहरे पर अलग तरह का आत्मविश्वास देखने को मिला

नई दिल्ली, अपने-अपने पति की शहादत के बाद उनकी पत्नियों ने बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के साथ ही भारतीय सेना में बतौर अधिकारी शामिल होकर नई मिसाल पेश की है। पति के सपनों को पूरा करने के लिए एक साल की ट्रेनिंग के बाद वे पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं। देश सेवा के लिए ‘अंतिम पग’ पार करने के बाद इन महिला अधिकारियों के कंधे पर स्टार लगाकर सेना में कमीशन किया गया। अब इन महिलाओं के जज्बे को पूरा देश सलाम कर रहा है।

चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड में दो ऐसी महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने अपने-अपने पतियों को देश की सेवा करने के दौरान खोया है। इन महिलाओं ने अपने-अपने पति की मौत के बाद भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा का संकल्प लिया था। इसलिए इन्होंने पति के सपनों को पूरा करने के लिए अकादमी से स्नातक होने के लिए ओटीए में दाखिला लिया। एक साल की कड़ी ट्रेनिंग लेने के बाद दोनों महिलाओं को भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। पासिंग आउट परेड के बाद दोनों महिला अधिकारी अपनी गोद में बच्चों को लिए थीं। दोनों ही महिलाओं के चेहरे पर एक अलग तरह का आत्मविश्वास देखने को मिला।
लद्दाख की रहने वाली लेफ्टिनेंट रिगज़िन चोरोल ने बच्चों को संभालने के साथ ही अपने दिवंगत पति रिगज़िन खंडप का सपना पूरा किया है। वह लद्दाख क्षेत्र से भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी होंगी। उनके पति लद्दाख स्काउट्स की जेडांग सुंपा बटालियन में राइफलमैन थे। ड्यूटी के दौरान एक दुर्घटना में उनकी मौत होने के बाद चोरोल ने इसलिए सेना में शामिल होने का फैसला लिया, क्योंकि उनके पति आर्मी ऑफिसर बनाना चाहते थे। इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट चोरोल ने कहा कि वह सेना में इसलिए भी शामिल होना चाहती थीं, ताकि अपने बच्चे को एक गौरवपूर्ण वातावरण दे सकें। ट्रेनिंग के दौरान मैंने अपने बेटे का बचपन मिस किया है, लेकिन मुझे यकीन है कि मेरे पति को मुझ पर गर्व होगा।

अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से प्रशिक्षण लेने वाली दूसरी महिला कैडेट हरवीन काहलों हैं, जिन्होंने अपने पति मेजर केपीएस काहलों की शहादत के बाद सेना में शामिल होकर वर्दी पहनने का बीड़ा उठाया। वह जालंधर के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं, लेकिन इस दौरान उनके पति की मृत्यु हो गई। हरवीन ने बताया कि मेरे पति ने सेना में शामिल होने के मेरे उत्साह को लेकर मुझे प्रोत्साहित किया था और मैं उनके सपने को साकार करना चाहती थीं। हरवीन ने भी पति की मौत के बाद बच्चों की जिम्मेदारी उठाते हुए सपनों को साकार करने की बानगी पेश की है। भारतीय सेना के लद्दाख स्काउट्स और जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट के कर्नल लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लेफ्टिनेंट रिगज़िन चोरोल और हरवीन काहलों को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी है।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

amit shah

29 अप्रैल को गुवाहाटी आएंगे अमित शाह, रोड शो में लेंगे भाग

गुवाहाटी, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 अप्रैल को गुवाहाटी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *