Home / National / आइए जानते हैं हिंदू पंचांग, आज और विष्णुपदी संक्रांति की पूजन के फायदे के बारे में

आइए जानते हैं हिंदू पंचांग, आज और विष्णुपदी संक्रांति की पूजन के फायदे के बारे में

हर हर महादेव

दिनांक 16 अगस्त 202

दिन – सोमवार

विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)

शक संवत – 1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – वर्षा

मास – श्रावण

पक्ष – शुक्ल

तिथि – अष्टमी सुबह 07:45 तक तत्पश्चात नवमी

नक्षत्र – अनुराधा 17 अगस्त प्रातः 03:02 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा।

योग – इन्द्र 17 अगस्त रात्रि 02:57 तक तत्पश्चात वैधृति

राहुकाल – सुबह 07:54 से सुबह 09:30 तक

सूर्योदय – 06:18

सूर्यास्त – 19:06

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण -नकुल – बगीचा नवमी, नवमी क्षय तिथि

विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)

चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।

विष्णुपदी संक्रांति

जप तिथि : 17 अगस्त 2021 मंगलवार को ( विष्णुपदी संक्रांति )

पुण्य काल सूर्योदय से दोपहर 12:46 से सूर्यास्त तक

विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है। (पद्म पुराण, सृष्टि खंड)

पुण्यदायी तिथियाँ व योग

➡ 17 अगस्त : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:46 तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल )

➡ 18 अगस्त : पुत्रदा एकादशी ( पुत्र की इच्छा से इसका व्रत करनेवाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी भी हो जाता है |)

➡ 22 अगस्त : रक्षाबंधन ( इस दिन धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से मनुष्य वर्षभर रक्षित हो जाता है। भविष्य पुराण )

➡ 29 अगस्त : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से रात्रि 11:26 तक)

➡ 30 अगस्त : जन्माष्टमी (20 करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेले जन्माष्टमी का व्रत है । – भगवान श्रीकृष्ण। जन्माष्टमी के दिन पूरी रात जागरण करके ध्यान, जप आदि करना महापुण्यदायी है ।)

➡ 03 सितम्बर : अजा एकादशी ( समस्त पापनाशक व्रत, माहात्म्य पढने-सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल )

➡ 06 सितम्बर : सोमवती अमावस्या (सुबह 07:39 से 7 सितम्बर सुबह 06:22 तक ) ( तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता – नाश )

➡10 सितम्बर : गणेश चतुर्थी, चन्द्र – दर्शन निषिद्ध (चंद्रास्त : रात्रि 09:20 ) ( इस दिन ‘ॐ गं गणपतये नम:।’ का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दुर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्न- निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है। इस दिन चन्द्र-दर्शन से कलंक लगता है। यदि भूल से भी चन्द्रमा दिख जाय तो उसके कुप्रभाव को मिटाने के लिए ‘स्यमंतक मणि की चोरी की कथा’ पढ़ें तथा ब्रह्मवैवर्त पुराण के निम्नलिखित मंत का २१, ५४, या १०८ बार जप करके पवित्र किया हुआ जल पियें।

सिंह : प्रसेनमधीत् सिंहों जाम्बवता हत:।

सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक:।।

➡ 12 सितम्बर : रविवारी सप्तमी ( शाम 05:22 से 13 सितम्बर सूर्योदय तक )

 

एकादशी

18 अगस्त: श्रावण पुत्रदा एका

प्रदोष -20 अगस्त: प्रदोष व्रत

शुभ दिनांक : 7, 16, 25

शुभ अंक : 7, 16, 25, 34

शुभ वर्ष : 2023
ईष्टदेव : भगवान शिव तथा विष्णु

शुभ रंग : सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून

 

Share this news

About desk

Check Also

amit shah

29 अप्रैल को गुवाहाटी आएंगे अमित शाह, रोड शो में लेंगे भाग

गुवाहाटी, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 अप्रैल को गुवाहाटी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *