Home / National / आईटी रूल्स पर अमल न होने के चलते ट्विटर पर कोई भी एक्शन ले सकता है केंद्र : हाई कोर्ट

आईटी रूल्स पर अमल न होने के चलते ट्विटर पर कोई भी एक्शन ले सकता है केंद्र : हाई कोर्ट

नई दिल्ली, दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ किया है कि केंद्र सरकार चाहे तो नए आईटी रूल्स पर अमल न होने के चलते ट्विटर पर कोई भी एक्शन ले सकती है। जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कहा कि कोर्ट उसे किसी तरह का संरक्षण नहीं दे रहा। कोर्ट ने ट्विटर से अंतरिम अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर हलफनामा मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।

ट्विटर ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि वो आईटी रूल्स के अनुपालन के साथ आठ हफ्ते के अंदर शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कर देगा। ट्विटर ने हाई कोर्ट को बताया है कि वो भारत में एक स्थायी संपर्क कार्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है। ट्विटर ने कहा है कि वो आईटी रूल्स के अनुपालन को लेकर पहली रिपोर्ट 11 जुलाई तक दाखिल कर देगा। आईटी रूल्स के अनुपालन के लिए प्रतिबद्धता के बावजूद वह इन रूल्स की संवैधानिकता को चुनौती देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
पिछले 6 जुलाई को हाई कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि कि ट्विटर ने जिस शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की है वो अंतरिम है। जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने पिछली सुनवाई में कोर्ट को भ्रमित करने की कोशिश की। पिछले 5 जुलाई को केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि ट्विटर आईटी रूल्स का पालन करने में नाकाम रहा है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया को नए आईटी रूल्स को लागू करने के लिए तीन महीने का पर्याप्त समय दिया गया था लेकिन ट्विटर ने नए आईटी रूल्स का पूरे तरीके से पालन नहीं किया। केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर के वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भारत से मिलने वाली शिकायतों का निवारण अमेरिका स्थिति उनके अधिकारी कर रहे हैं। ये नए आईटी रूल्स का उल्लंघन है।
पिछले हफ्ते ट्विटर ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि वो स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। ट्विटर ने कहा कि उसके अंतरिम स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी के रुप में धर्मेंद्र चतुर की नियुक्ति की थी। चतुर ने पिछले 21 जून को इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद ट्विटर ने भारत के लिए जेरेमी केसेल को नया शिकायत निवारण अधिकारी बनाया है। हालांकि ट्विटर ने ये नियुक्ति आईटी रुल्स के मुताबिक नहीं की है। नए आईटी रूल्स के मुताबिक शिकायत निवारण अधिकारी समेत सभी नोडल अफसर भारत के होने चाहिए।
पिछले 31 मई को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए आईटी रूल्स का अनुपालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ दायर याचिका पर ट्विटर को नोटिस जारी किया था। याचिका वकील अमित आचार्य ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते ट्विटर को बिना देरी किए कानून का पालन करना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ट्विटर को निर्देश दे कि वो बिना देरी किए आईटी रूल्स के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करे। आईटी रूल्स के रूल 4(सी) के तहत किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
याचिका में कहा गया है कि आईटी रूल्स पिछले 25 फरवरी को लाया गया था। आईटी रूल्स में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को निर्देश दिया गया था कि वे तीन महीने के अंदर निर्देशों का पालन करें लेकिन ट्विटर ने आईटी रूल्स का पालन नहीं किया। ट्विटर ने स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की। 26 मई को याचिकाकर्ता ने ट्विटर पर देखा कि दो लोगों ने ऐसे ट्वीट किए थे जो अपमानजनक और झूठे थे। इनकी शिकायत करने के लिए उसने शिकायत निवारण अधिकारी के बारे में पता लगाया लेकिन ट्विटर ने स्थानीय स्तर पर कोई शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है जो आईटी रूल्स का उल्लंघन है। उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

MODI

पिछला दशक ट्रेलर था, अब नई ऊंचाइयों पर जाएगा भारतः प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले दशक में हुई प्रगति केवल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *