नई दिल्ली. उन सभी अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाजों के लिए निम्नलिखित एसओपी तत्काल प्रभाव से लागू होगी, जिन्होंने भारत के प्रमुख बंदरगाहों को अपनी यात्रा की योजना की अग्रिम रूप से जानकारी दी है :
1) केवल उन्हीं अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाजों को, ऐसे बंदरगाहों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने 1 जनवरी, 2020 या इससे पूर्व किसी भारतीय बंदरगाह में अपने पहुंचने की योजना के बारे में जानकारी दी है।
2) किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाज या उसके चालक दल के किसी सदस्य या (https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/situation-reports) लिंक में उल्लिखित किसी भी कोविड-19 प्रभावित देशों की 1 फरवरी, 2020 से यात्रा का इतिहास होने वाले किसी भी यात्री को 31 मार्च, 2020 तक किसी भी भारतीय बंदरगाह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
3) अंतरराष्ट्रीय क्रूज जहाजों को केवल उन्हीं बंदरगाहों पर प्रवेश की अनुमति होगी जहां यात्रियों और चालक दल के लिए थर्मल स्क्रीनिंग सुविधाएं होंगी।
4) शिपिंग एजेंट/ मास्टर ऑफ वेसल को कोविड-19 प्रभावित देशों की यात्रा के संबंध में चालक दल और यात्रियों से संबंधित सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। शिपिंग एजेंट / मास्टर ऑफ वेसल द्वारा किसी भी बीमार यात्री/ चालक दल के सदस्य को जहाज पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
5) कोविड-19 की अद्यतन जानकारी प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय क्रूज पोत को उपलब्ध करायी जाएगी और यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (Https://www.mohfw.gov.in/) के दिशानिर्देशों के अनुसार होनी चाहिए।
6) सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित (अनुलग्नक-1 में संलग्न प्रतिलिपि) निर्धारित सेल्फ रिपोर्टिंग फॉर्म भरना होगा और उसे पीएचओ को प्रस्तुत करना होगा।
7) बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारी (पीएचओ) जहाज में सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की थर्मल स्क्रीनिंग करेगा। जब तक पीएचओ द्वारा मंजूरी नहीं दी जाती, तब तक यात्रियों को तट पर उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बंदरगाह/ स्थानीय अस्पताल अतिरिक्त डॉक्टरों और चिकित्सा स्टाफ एवं रसद आदि की आपूर्ति करके पीएचओ की सहायता करेंगे।
8) यदि किसी यात्री/ चालक दल के सदस्य में बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो ऐसे यात्री/ चालक दल के सदस्यों को जहाज से उतारने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे यात्री का जहाज पर क्वॉरन्टीन किया जाएगा। रोगी के नमूने एकत्र किए जाएंगे और परीक्षण के लिए नामित अस्पतालों/ प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। यदि नमूने का परीक्षण पॉजिटिव आता है तो उस यात्री को बंदरगाह से जुड़ी आइसोलेशन सुविधा में ले जाया जाएगा और जहाज को आगे बढ़ने के लिए कहा जाएगा। यदि नमूना नेगेटिव है तो यात्रियों और चालक दल को तट पर भ्रमण करने की अनुमति दी जाएगी। बंदरगाह में प्रवेश करने से पहले सभी जहाजों से इस प्रक्रिया का पालन करने की घोषणा ली जाएगी।
9) जहाज के रवाना होने के स्थल से ही क्रूज जहाजों द्वारा कोरोनावायरस प्रभावित रोगियों के प्रवेश को रोकने के लिए विशेष उपाय किये जाने की आवश्यकता है। इनमें से कुछ उपाय इस प्रकार हैं :
क) ऐसे क्रूज मेहमान जिन्होंने चीन, हांगकांग, ईरान, दक्षिण कोरिया और इटली और अन्य प्रभावित देशों (जैसा कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में दर्शाया है https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/situation-reports स्थिति रिपोर्ट) की पिछले 14 दिनों में यात्रा की है। उन्हें क्रूज़ लाइनों द्वारा अपने आप ही बोर्डिंग से इंकार कर दिया जाए।
ख) कोई भी व्यक्ति जो यात्रा करने से पहले पिछले 14 दिनों के अंदर किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में रहा हो, जिसका मुख्यभूमि चीन, हांगकांग, मकाऊ, ईरान, दक्षिण कोरिया या इटली या किसी भी अन्य प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास है, वह अपने आप ही बोर्डिंग से वंचित हो जाता है।
ग) बोर्डिंग बंदरगाह टर्मिनलों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों वाले व्यक्तियों की अनिवार्य जांच की जाती है।
घ) सभी मेहमानों को स्व-घोषणा स्वास्थ्य फॉर्म भरने होंगे।
ङ) बोर्डिंग बंदरगाहों के चेक-इन काउंटर पर, सभी मेहमानों के पासपोर्ट की जांच की जाती है कि कहीं उनके पासपोर्ट पर कोविड-19 प्रभावित देशों की मोहर तो नहीं लगी है।
च) यह सुनिश्चित करने के लिए कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है सभी यात्रियों के पासपोर्ट की बोर्डिंग बंदरगाहों के टर्मिनल में क्रूज पोत कर्मियों द्वारा दोहरी जाँच की जाती है।
छ) सभी पासपोर्टों की क्रूज पोत के कर्मचारियों के साथ-साथ उन भारतीय आव्रजन अधिकारियों द्वारा भी जांच की जाती है, जहां वे उस पोत में मार्ग निकासी के लिए पिछले विदेशी बंदरगाहों में सवार हुए थे।
ज) जहाज को नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए।
झ) सभी क्रूज कोविड-19 के लक्षणों के लिए सभी यात्रियों की दैनिक जांच करें।
ञ) सभी क्रूज़ों के पास पर्याप्त संख्या में मास्क, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण आदि सामान उपलब्ध होने चाहिए। क्रूज में पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी भी उपलब्ध होने चाहिए। इसके अलावा उचित संख्या में आइसोलेशन बेड भी होने चाहिएं ताकि बीमारी के किसी भी लक्षण का पता चलने के मामले में चालक दल के सदस्य या संदिग्ध यात्री को आइसोलेशन सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।