Home / Uncategorized / वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद, ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला : मोदी

वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद, ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला : मोदी

  • कहा-ब्रिक्स देशों के अंदर व्यापार और निवेश के लक्ष्य और अधिक महत्वाकांक्षी होने चाहिए
  • राजनीतिक स्थिरता, पूर्वानुमान योग्‍य नीति और व्यापार के अनुकूल
  • सुधारों की वजह से भारत विश्‍व की सबसे खुली और निवेश के अनुकूल अर्थव्यवस्था 
  • प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स व्यापार मंच को संबोधित किया

ब्राजील – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिक्स व्यापार मंच को संबोधित किया। अन्य ब्रिक्स देशों के प्रमुखों ने भी व्यापार मंच को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विश्‍व की आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों का योगदान 50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद, ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में नई सफलताएं हासिल कीं। प्रधानमंत्री ने इच्‍छा जाहिर करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों के अंदर व्यापार और निवेश के लक्ष्य और अधिक महत्वाकांक्षी होने चाहिए। उन्‍होंने ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार की लागत को कम करने के लिए ब्रिक्‍स देशों से सुझाव भी मांगे। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन तक कम से कम पांच ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए, जिसमें ब्रिक्स देशों के बीच संयुक्त उपक्रम का गठन किया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल शिखर सम्‍मेलन के दौरान नवाचार ब्रिक्‍स नेटवर्क और भविष्य के नेटवर्क के लिए ब्रिक्स संस्थान जैसी महत्वपूर्ण पहलों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने निजी क्षेत्र से मानव संसाधन पर केंद्रित इन प्रयासों में शामिल होने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ब्रिक्‍स देशों को आपसी सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी विचार करना चाहिए।  प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता, पूर्वानुमान योग्य नीति और व्यापार के अनुकूल सुधारों की वजह से भारत विश्व की सबसे खुली और निवेश के अनुकूल अर्थव्यवस्था है।

Share this news

About desk

Check Also

ODISHA CM MAJHI इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए ओडिशा बने आदर्श गंतव्य : मोदी कहा- प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अपार संभावनाओं से भरपूर है राज्य भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की असीम संभावनाओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 30% क्षेत्र में फैले घने वन, 500 किलोमीटर से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र और विश्व धरोहर में शामिल जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म का आदर्श गंतव्य बनाते हैं। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य हर प्रकार के अनुभव के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि एक नई पर्यटन क्रांति की शुरुआत हो सके। इको और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं ओडिशा का विविध भौगोलिक परिदृश्य इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। उल्लेखनीय है कि चिलिका झील, सिमिलिपाल नेशनल पार्क, भीतरकनिका नेशनल पार्क और सातकोसिया अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर इको टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, बोटिंग और जंगल सफारी जैसे एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए यह स्थान उपयुक्त हैं। तटीय क्षेत्र में पुरी और चांदीपुर जैसे समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, समुद्री खेल गतिविधियों के विकास की भी बड़ी संभावनाएं हैं। सांस्कृतिक धरोहर की खासियत जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और लिंगराज मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण ओडिशा सांस्कृतिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है। मोदी ने कहा कि हाल ही में जी20 सम्मेलन में कोणार्क मंदिर के पहिए की प्रस्तुति ने वैश्विक मंच पर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है। सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। निजी क्षेत्र को भी इस दिशा में निवेश के लिए आगे आना चाहिए, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इको-फ्रेंडली रिसॉर्ट्स, एडवेंचर कैंप्स और पर्यटन गाइड सेवाओं का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास की पहल इको टूरिज्म के विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इको और एडवेंचर टूरिज्म का विकास राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यदि राज्य सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करें, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन में भी योगदान होगा।

ओडिशा में सभी 30 जिलों में उद्योग स्थापना के लिए पार्क बनेंगे

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *