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कोरोना काल में ओडिशा इकाई को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर भेजने पर महेन्द्र गुप्ता ने जताया आभार
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अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का 8वां स्थापना दिवस मना
अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर
वैश्य समाज आपदा को अवसर में बदलना जानता है. पिछले लगभग दो सालों से अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन वैश्विक महामारी कोरोना से लोगों को बचाने में तन, मन और धन से जुटा है, जिसमें संस्था से जुड़े देश-विदेश के समस्त भामाशाहों का सहयोग अभूतपूर्व रहा है. उक्त बातें अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहीं. वह अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के आठवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे. अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का आठवां स्थापना दिवस नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जिसमें जूम के जरिये देशभर के अन्य सदस्य भी शामिल हुए. इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल तथा सम्मानित अतिथि के रुप में भाजपा के कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल आदि उपस्थित थे. संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित समारोह में संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय रामदास अग्रवाल, पूर्व सांसद, भाजपा के संस्था के प्रति असाधारण योगदानों को याद करते हुए उनको संस्था की ओर से भावभीनीं श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही साथ स्वर्गीय रमेश चन्द्र अग्रवाल के योगदानों को यादकर उनको भी श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान स्वर्गीय रामदास अग्रवाल की धर्मपत्नी तथा संस्था की प्रथम महिला श्रीमती मानवती अग्रवाल को सम्मानित किया गया. सम्मान समारोह में दिल्ली एम्स के निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया, डा मोहसीन वाली, नवीन जिंदल, लवनील कुमार सतीजा तथा मधुसूदन अग्रवाल आदि जैसे गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया. अपने संबोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने जूम तथा फिजिकली उपस्थित देश-विदेश के सभी का हार्दिक स्वागत किया. इस दौरान संस्था के उत्कल प्रांतीय अध्यक्ष तथा संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, ओडिशा इकाई राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल के प्रति आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने समय पर ओडिशा इकाई को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर भेजकर बहुत बड़ी राहत का कार्य किया. उसका पूरा लाभ ओडिशा के कोरोना संक्रमित लोगों ने उठाया. इस आयोजित राष्ट्रीय महाधिवेशन में भारत समेत दुबई, हांगकांग, अमेरिका तथा नेपाल आदि देशों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.