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गिरफ्तारों में मेडिलॉयड मेडिकामेंट प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक भी शामिल
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कंपनी का बैंक खाता भी फ्रीज
भुवनेश्वर. ओडिशा अपराध शाखा की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली नकली दवाएं खरीदने और बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार, एसटीएफ ने कटक के ड्रग अधिकारियों की रिपोर्ट पर एक जांच शुरू की थी, जिसमें नकली दवाओं, विशेष रूप से कोविद-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं यानी फेविमैक्स-200 तथा फेविमैक्स-400 (फेविपीरावीर) के नकली दवाओं के प्रचलन का आरोप लगाया गया था. छापेमारी के साथ-साथ दस्तावेजों का अध्ययन, अन्य राज्यों में लिंकेज, नेटवर्किंग, तौर-तरीकों आदि सहित गहन जांच के लिए कई टीमों का गठन किया गया था. वर्तमान में तीन टीमें ओडिशा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में जांच कर रही हैं.
अब तक की जांच के दौरान यह पता चला कि मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर हिमाचल प्रदेश के सोलन में दवा बनाने का दावा करने वाली एक संदिग्ध दवा निर्माण कंपनी है. इस संदिग्ध कंपनी को दो लोग चला रहे हैं. इन दोनों को इस महीने की शुरुआत में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. यह भी पता चला है कि इन दोनों के खिलाफ अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज हैं.
एसटीएफ द्वारा अब तक की गई जांच से पता चला है कि मेडिलॉयड मेडिकामेंट प्राइवेट लिमिटेड ने “मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर” से फेविमैक्स टैबलेट्स को बहुत कम कीमत (65 रुपये प्रति स्ट्रिप 10 टैबलेट) पर खरीदने की साजिश रची थी और उन्हें बहुत उच्च कीमत (1290 रुपये प्रति स्ट्रिप 10 टैबलेट) पर बेचने की योजना बनाई थी.
इस मामले में आज एसटीएफ ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक मेडिलॉयड मेडिकामेंट प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है. दो अन्य आरोपी कंपनी के प्रमुख सदस्य हैं. इसके साथ ही एसटीएफ ने आरोपी और उपरोक्त कंपनी के बैंक खातों में 50 लाख रुपये से अधिक का पता लगाया और उसे फ्रीज कर दिया है. आगे की जांच जारी है.