Home / Odisha / मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद सुरेश ने आत्मदाह आंदोलन को वापस लिया

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद सुरेश ने आत्मदाह आंदोलन को वापस लिया

भुवनेश्वर- मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा उनकी मांगों को मान लिये जाने के बाद जटनी से कांग्रेस विधायक सुरेश राउतराय ने 27 जनवरी को प्रस्तावित आत्मदाह आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की है। कांग्रेस कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके चुनाव क्षेत्र के गांव की जमीनों को जगन्नाथजी का जमीन घोषित करने के बाद अब मुख्यमंत्री ने उन जमीनों की मालिकाना हक लोगों को देने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है। इसी तरह दारुठेंग में बने ड़ंपिंग यार्ड को वहां से स्थानांतरित कर अन्य स्थानों पर ट्रिटमेंट प्लांट बनाने की घोषणा की गई है। इस कारण वे अपना आंदोलन वापस ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत 23 दिसंबर को श्री राउतराय ने जटनी विधानसभा क्षेत्र के दो मांगों के समाधान करने के लिए राज्य सरकार को 35 दिनों को समय दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि इस अवधि में उनकी मांगों को माना नहीं गया, तो उनके साथ सौ और लोग नवीन निवास के सामने आगामी 27 जनवरी को आत्मदाह करेंगे। उन्होंने कहा था कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 27 गांवों में स्थिति वन जमीन को 2012 से जगन्नाथजी की जमीन घोषित कर दी गई है। इस कारण इन गांवों के लोगों के पास सरकारी योजनाएं पहुंच नहीं पा रही हैं। इन गांवों के लोगों को अस्पताल, आंगनबाड़ी केन्द्र, आरआई कार्यालय, तालाब, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांव के लोग अपने जमीन को बेच भी नहीं पा रहे हैं। बेटी का विवाह करने हो या फिर बच्चों को पढ़ाने के लिए भी वे अपनी जमीन बेच नहीं पा रहे हैं। इस कारण इन गांवों के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि भुवनेश्वर शहर के कचरे को उनका चुनाव क्षेत्र के दारुठेंग गांव में डाला जा रहा है। इस कारण इस गांव के लोग वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण के साथ साथ विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस गांव के लोग बार बार डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग कर रहे हैं। केवल इतना ही नहीं इस डंपिग यार्ड के पास नंदनकानन प्राणी उद्यान है। इसके प्रदूषण के कारण नंदनकानन प्राणी उद्यान के शेर, बब्बर शेर, हिरन व अन्य पशुपक्षियों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। कुछ पशु पक्षियों की इससे मौत भी हो चुकी है। इसलिए इस डंपिंग यार्ड को हटाने के लिए 35 दिनों का समय दिया था।

Share this news

About desk

Check Also

ओडिशा में बीजद एक और झटका

नेता जलधर साहू ने पार्टी छोड़ी, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला भुवनेश्वर। ओडिशा में बीजद …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *