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फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने तथा महिला थानाएं स्थापित करने की मांग
भुवनेश्वर – प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने राज्य में महिला विरोधी हिंसा विशेष कर दुष्कर्म के मामलों में बढ़़ोत्तरी को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य में दुष्कर्म के मामले तो बढ़ ही रहे हैं, वहीं दोषियों को सजा भी नहीं हो रही है। इस कारण राज्य में दुष्कर्म के मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने तथा महिला थानाएं स्थापित करने की मांग की है। पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में नायक ने कहा कि राज्य में जिस ढंग से महिला विरोधी हिंसा विशेष कर दुष्कर्म के मामले घटित हो रहे हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि मानो राज्य में गृह विभाग अस्तित्व में ही नहीं है। पुलिस अपना काम नहीं कर रही है। महिला विरोधी हिंसा के मामलों के लिए राज्य में आवश्यक फास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं है। आंध्र प्रदेश में इस तरह के 72, पश्चिम बंगाल में 88 व महाराष्ट्र में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं। लेकिन ओडिशा में एक भी फास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि यदि अन्य प्रदेश फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित कर पा रहे हैं, तो फिर ओडिशा सरकार इतने सालों के शासन के बाद भी कोर्ट क्य़ों नहीं स्थापित कर पायी है। उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत धनराशि प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की बात कर रही है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्थापना के संबंध में राज्य सरकार ने गत सितंबर माह में निर्णय लेने के साथ साथ घोषणा की थी, लेकिन तीन माह में इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में केवल 6 महिला थानाएं हैं। यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि 20 साल शासन करने के बाद भी बीजद सरकार ने राज्य़ के सभी 30 जिलों में 30 महिला थाना स्थापित करने में नाकाम रही है। महिलाओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता को यह बात स्पष्ट करती है। उन्होंने कहा कि वह मांग करते हैं कि राज्य के सभी तीस जिलों में तीस महिला थाना स्थापित किया जाए। आगामी दो माह के अंदर इस कार्य को राज्य सरकार करे। इस पत्रकार सम्मेल में भाजपा प्रवक्ता उमाकांत पटनायक व गोलक महापात्र उपस्थित थे ।