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परिवहन के विरोध में सड़क पर उतरे ग्रामीण

बड़बिल. जोड़ा खनिज अंचल अन्तर्गत भद्रा साही ग्रामपंचायत के सॉयाबाली ग्राम अवस्थित शारदा माइंस प्रा. लि. के खान से सोया बाली, सेडेंग और बड़बिल नगरपालिका क्षेत्र से हो रही खनिज परिवहन के विरोध में एक बार पुनः स्थानीय ठाकुरानी, सोया बाली और सेडिंग बस्ती के सैकड़ों पुरुष और महिला सड़क पर उतर आये. महिला समिति द्वारा आयोजित सड़क अवरोध में प्रमुख भूमिका निभा रही बड़बिल नपा वार्ड संख्या तीन निवासी सुनीता मुंडा ने खनन कंपनी शारदा माइंस प्रा लि, वन विभाग और ट्रांस्पोर्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि संरक्षित वन भूमि, ग्राम पंचायत और बड़बिल नगरपालिका के सड़क का उपयोग करते हुए खनिजों का परिवहन किया जाना कानून के दायरे से बाहर है. इसके अलावा उक्त संकीर्ण सड़क के दोनों ओर गरीब आदिवासियों के घर बसे हुए हैं. तीव्र गति से चलने वाले बड़े वाहन से एक ओर घरों में धूल भर रही है, वहीं आए दिन मवेशी वाहन की चपेट में आ रहे हैं. विभिन्न दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. इससे पूर्व में भी कई लोग कंपनी से चंदा वसूली और ट्रांस्पोर्टिंग कार्य हथियाने के लिए परिवहन का विरोध किया, किन्तु चंदा और ट्रांस्पोर्टिंग कार्य पा कर स्थानीय लोगों के आंखों में धूल झोंका जा रहा है और धोखा दिया है. सोयाबाली निवासी जयपाल मुंडा ने कहा कि शारदा माइंस को बिलाईपाड़ा-देवझर सड़क और राष्ट्रीय राजमार्ग 520 से परिवहन के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई. किन्तु खननकर्ता अवैध रूप से डीडीएम व वन विभाग के साथ सांठगांठ कर परिवहन कर रहे हैं. भद्रा साही के युवा समाजसेवी गणेश्वर पात्र ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कंपनी, ट्रांस्पोर्टर वन विभाग और खान की भाग की मिलीभगत से स्थानीय आदिवासियों को सीधे मौत के मुंह में धकेला जा रहा है, जो अति लज्जाजनक और निंदनीय है. दोपहर बाद समाजसेवी पद्मश्री डॉ तुलसी मुंडा के द्वारा हस्तक्षेप करने एवं कंपनी प्रबंधन से बातचीत करने का आश्वासन मिलने के बाद एक सप्ताह के लिए आंदोलन को स्थगित कर दिया

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