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निरतार से तीन पाठ्यक्रम बंद करने के लिए प्रयास

  • कलिंग विकास मंच ने की प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग

भुवनेश्वर. कटक जिले के ओलटपुर स्थित स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण व अनुसंधान संस्थान (निरतार) के निदेशक ने अपने संस्थान ने तीन पाठ्यक्रमों को बंद करने के लिये प्रयास कर रहे हैं. कलिंग विकास मंच ने निदेशक के इस निर्णय का विरोध किया है तथा इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, केन्द्र सरकार की सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के अधीन निरतार संस्थान से गत एक दशक से चल रहे मास्टर आफ फिजियोथेरापी (न्यूरोलाजी), मास्टर आफ फिजियोथेरापी (पेडियाट्रिक्स) व मास्टर आफ आकुपेशनल थेरापी (न्यूरोलाजी) पाठ्यक्रम को बंद करने की साजिश रची जा रही है. संस्थान के निदेशक ने स्वयं अध्यापक न होने का हवाला देते हुए उत्कल विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा था. साथ ही उन्होंने राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री तथा उत्कल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिखकर इसमें सहयोग की कामना की थी, लेकिन उन लोगों ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया. उधर, निरतार के फिजियोथेरापी विभाग के प्रमुख ने भी केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान के अध्यापक इन तीन विभागों को चलाने के लिए सक्षम हैं. इसके बाद निरतार के निदेशक ने फिर से केन्द्रीय मंत्रालय को पत्र लिखकर इन विभागों को बंद करने की अनुशंसा की है. कलिंग विकास मंच के अध्यक्ष दीपक कुमार महंत ने इस मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान के निदेशक की भूमिका इस मामले में संदेहास्पद है. वह ओडिशा में स्थित इस केन्द्रीय संस्थान को प्रभावहीन करने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.

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