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अनावश्यक राजनीति व भड़काऊ बयान अब लगा विराम
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नवरंगपुर के 35 शरणार्थियों को मिला भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र
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सीएए-2019 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए लोगों को मिली नागरिकता
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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रमाणपत्र प्रदान किए
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वर्षों से उत्पीड़न झेल रहे लोगों के लिए सीएए आशा का मार्ग – मुख्यमंत्री
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए-2019) के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता प्रदान करते हुए विपक्ष की लगातार जारी बयानबाजी को करारा जवाब दिया है। लंबे समय से विपक्ष इस मुद्दे को राजनीति का उपकरण बनाकर लोगों में भ्रम और असंतोष फैलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सरकार की इस ठोस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीएए का उद्देश्य केवल उन पीड़ित समुदायों को संरक्षण देना है, जिन्हें अपने देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
सरकार द्वारा नागरिकता मिलने के साथ ही इस बहस को अंतिम रूप से विराम मिलता दिखाई दे रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर जनता को भड़काने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब नागरिकता वितरण के बाद उनकी दलीलें फीकी पड़ गई हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम मानवता, संवैधानिक मूल्यों और पीड़ित वर्गों के पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिससे स्पष्ट होता है कि राजनीति नहीं, बल्कि राहत और संरक्षण ही इसका मूल उद्देश्य था।
नवरंगपुर जिले में रह रहे थे 35 शरणार्थी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को नवरंगपुर जिले में रह रहे 35 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान किए। ये सभी शरणार्थी अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए थे और अब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम-सीएए 2019 के प्रावधानों के तहत आधिकारिक रूप से भारतीय नागरिक बन गए हैं।
सीएए ने ऐसे लोगों को नई उम्मीद और विश्वास दिया
यह समारोह भुवनेश्वर स्थित कृषि भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि सीएए ने ऐसे लोगों को नई उम्मीद और विश्वास दिया है, जो वर्षों से उत्पीड़न और असुरक्षा का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब इन नए नागरिकों को भारत के अन्य नागरिकों की तरह सभी संवैधानिक अधिकार, लाभ और सरकारी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
देश के सामान्य नागरिक की तरह बढ़ेंगे आगे
उन्होंने कहा कि हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के जो लोग यहां रह रहे हैं, वे आवेदन करें ताकि केंद्र और राज्य सरकार उन्हें नागरिकता उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पूर्ण कर सके। अब वे इस देश के सामान्य नागरिक की तरह कानून का पालन करते हुए आगे बढ़ सकेंगे।
एक्स पर लिखा-आप अब भारतीय परिवार का अभिन्न हिस्सा
मुख्यमंत्री माझी ने एक्स पर लिखा कि नागरिकता प्राप्त करने वाले सभी भाइयों-बहनों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं। आज से आप सभी भारतीय परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं। आपको सभी अधिकार और लाभ प्राप्त होंगे। आशा है कि आप अपनी मेहनत, लगन और सांस्कृतिक कौशल के माध्यम से ओडिशा और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। राज्य सरकार आपकी समृद्धि, सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रतिबद्ध है।
जनगणना निदेशक ने जताया आभार, सालों से लंबित मुद्दे का समाधान
जनगणना निदेशक निखिल पवन कल्याण ने मुख्यमंत्री माझी को धन्यवाद देते हुए कहा कि सालों से लंबित यह मुद्दा अब सीएए के बाद हल हो रहा है। कम से कम 35 शरणार्थियों को नागरिकता देकर हम एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुके हैं। मुख्यमंत्री के समर्थन से अब वे लोग भी आवेदन करेंगे, जो अब तक आवेदन नहीं कर पाए थे। आवश्यक सत्यापन के बाद और भी लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इस मौके पर नागरिकता वितरण समारोह में मंत्री सुरेश पुजारी तथा पृथ्वीराज हरिचंदन भी उपस्थित रहे। समारोह के माध्यम से सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया कि शरणार्थियों के हितों और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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