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पीतावास पंडा हत्याकांड का मुख्य आरोपी फुलबाणी जेल भेजा गया

  •     पिंटू दास को सुरक्षा कारणों से किया गया स्थानांतरित

  •     दो मुख्य आरोपी उमा बिसोई और कुरुपति भुइयां अब भी फरार

  •     सीआईडी ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं को किया नियुक्त करने की सिफारिश

ब्रह्मपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता पीतावास पंडा हत्याकांड में मुख्य आरोपी एवं पूर्व मेयर पिंटू दास को सुरक्षा कारणों के चलते शुक्रवार सुबह 8:15 बजे ब्रह्मपुर सर्कल जेल से फुलबाणी जेल स्थानांतरित कर दिया गया। यह स्थानांतरण कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किया गया। जेल अधिकारियों के अनुसार, यह कदम अदालत में दायर याचिका और आरोपी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया। प्रशासन का कहना है कि यह कदम जेल के अंदर संभावित विवादों को रोकने और जांच के दौरान आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था।

दो मुख्य आरोपी अब भी फरार, जांच में तेजी

पीतावास पंडा हत्या मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन दो प्रमुख आरोपी-उमा बिसोई और कथित शूटर कुरुपति भुइयां-अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सूत्रों के अनुसार, हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताए जा रहे बीजद नेता विक्रम पंडा और उनके करीबी सहयोगी पिंटू दास की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन घटना को अंजाम देने वाले वास्तविक शूटर की भूमिका अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। उमा बिसोई पर शूटर से सौदेबाजी और वित्तीय लेनदेन का समन्वय करने का आरोप है, जिसे लेकर पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है।

फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी तेज

पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश में ब्रह्मपुर और आसपास के जिलों में छापेमारी तेज कर दी है। इस बीच, दो नगरसेवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जिन पर आरोपियों से संपर्क रखने का संदेह है। साथ ही, मुख्य आरोपी विक्रम पंडा के व्यावसायिक सहयोगी सुदर्शन जेना को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस अब मामले के वित्तीय और राजनीतिक पहलुओं की भी बारीकी से जांच कर रही है।

सीआईडी ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नियुक्त करने की सिफारिश की

इस बहुचर्चित मामले में अब राज्य सरकार ने अभियोजन पक्ष को मजबूत करने के लिए दो वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा है। ब्रह्मपुर के पुलिस अधीक्षक ने सीआईडी-सीबी के महानिदेशक को पत्र लिखकर ओडिशा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कालीचरण मिश्र और अभिनाश पाढ़ी को मुकदमे की पैरवी के लिए नियुक्त करने की सिफारिश की है।

कालीचरण मिश्र, जो पहले सीबीआई के अतिरिक्त विधिक सलाहकार रह चुके हैं, ने अंजना मिश्र कांड जैसे चर्चित मामलों की भी पैरवी की थी। वहीं, अधिवक्ता अभिनाश पाधी को भी कई आपराधिक मामलों में गहन अनुभव है। इन दोनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं की नियुक्ति से राज्य सरकार चाहती है कि अदालत में अभियोजन पक्ष की स्थिति और मजबूत हो।

पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता

इस पूरे मामले में अब तक कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें पूर्व विधायक विक्रम पंडा और पूर्व मेयर शिवशंकर दास भी शामिल हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, विक्रम पंडा के पक्ष में 50 से अधिक वकीलों ने वकालतनामा दाखिल किया है, जिससे यह मामला राज्य में सबसे चर्चित राजनीतिक और कानूनी विवादों में से एक बन गया है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरत रही है। सभी गिरफ्तार आरोपियों की सुरक्षा और जांच की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सीआईडी ने कड़ी निगरानी शुरू की है। राज्य सरकार चाहती है कि इस केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष मजबूत तरीके से न्यायालय में अपनी दलीलें पेश करे, ताकि इस जघन्य हत्या की साजिश का पूर्ण रूप से पर्दाफाश हो सके।

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