Home / Odisha / नुआपड़ा उपचुनाव  को लेकर प्रचार में दिखा सियासी तापमान
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

नुआपड़ा उपचुनाव  को लेकर प्रचार में दिखा सियासी तापमान

  •     नवीन पटनायक की 3 और 7 नवंबर की प्रस्तावित यात्रा से बीजद में उत्साह

  •     मुख्यमंत्री माझी और मंत्री पुजारी ने साधा निशाना

  •     भाजपा, बीजद और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

भुवनेश्वर/नुआपड़ा। नवंबर 11 को होने वाले नुआपड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर ओडिशा का सियासी माहौल पूरी तरह गरम हो गया है। भाजपा, बीजद और कांग्रेस, तीनों प्रमुख दलों के बीच मुकाबला इस बार बेहद दिलचस्प बन गया है। लगातार प्रचार, बड़े नेताओं की सक्रिय भागीदारी और जनसंपर्क अभियानों से क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा के जय ढोलकिया, कांग्रेस के घासीराम माझी और बीजद की स्नेहांगिनी छुरिया के बीच यह मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है।

जनता से सीधा संवाद पर जोर

सभी प्रमुख प्रत्याशी इन दिनों गांव-गांव जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं। वे लोगों को विकास योजनाओं और स्थानीय समस्याओं के समाधान का आश्वासन दे रहे हैं। स्वतंत्र उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में सक्रिय हैं, जिससे मुकाबले में और अधिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।

भाजपा ने एकता दौड़ और कार्यक्रमों से बढ़ाई रफ्तार

भाजपा ने राष्ट्रीय एकता दिवस और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन कर प्रचार को नया आयाम दिया। इस मौके पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल, उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव, मंत्री मुकेश महालिंग और नित्यानंद गोंड जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। पार्टी का फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और राज्य सरकार के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने पर है।

कांग्रेस ने इंदिरा गांधी और सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस ने भी समानांतर रूप से अपने कार्यक्रमों से जनता से जुड़ने की कोशिश की। पार्टी ने सरदार पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। इस दौरान पीसीसी अध्यक्ष भक्त दास, ओपीसीसी प्रभारी अजय कुमार लल्लू और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। कांग्रेस का जोर किसानों, युवाओं और स्थानीय रोजगार मुद्दों पर है।

नवीन पटनायक की यात्रा से बढ़ी उम्मीदें

बीजू जनता दल ने भी सीमावर्ती इलाकों में प्रचार अभियान तेज कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 3 नवंबर को कोमना ब्लॉक में चुनावी सभा करेंगे, जबकि 7 नवंबर को वह फिर से नुआपड़ा लौटेंगे। पटनायक ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि जय जगन्नाथ! भाइयों और बहनों मैं 3 नवंबर को आपसे मिलने आ रहा हूं। आप सबसे मिलूंगा और बातचीत करूंगा। पटनायक की यह यात्रा बीजद के लिए राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह पश्चिमी ओडिशा में पार्टी के जनाधार की परीक्षा के रूप में देखी जा रही है।

बीजद की पुराने किले को फिर से जीतने की कोशिश

बीजद ने स्नेहांगिनी छुरिया के पक्ष में पूरा जोर लगा दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण साहू और तुकीनी साहू प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि नवीन पटनायक की यात्रा से पार्टी को मजबूत गति मिलेगी।

मंत्री पुजारी ने नवीन पटनायक की गैरमौजूदगी पर साधा निशाना

इसी बीच, राज्य के राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वह नवीन निवास से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि जितना मजबूत विपक्ष होगा, उतनी मजबूती से हमारी सरकार जनता के बीच काम करेगी। अगर नवीन बाबू मैदान में उतरेंगे तो हमें और प्रेरणा मिलेगी। पुजारी का यह बयान उस समय आया जब मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी दूसरी बार नुआपड़ा के दौरे पर पहुंचे, जिससे भाजपा का जनसंपर्क अभियान और अधिक तेज हो गया।

कांग्रेस ने भी झोंकी पूरी ताकत

कांग्रेस की ओर से भी बड़े नेताओं का जमावड़ा देखने को मिला। राज्य प्रभारी अजय कुमार लल्लू, विधायक दल के नेता रामचंद्र कदाम, और विधायक राजन एक्का ने कई सभाएं कीं। उन्होंने जनता से कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र दल है जो जनता की आवाज को विधानसभा में बुलंद करेगी।

वोटर सावधानी से कर रहे हैं मूल्यांकन

नुआपड़ा के मतदाता इस बार पूरी सतर्कता से प्रत्याशियों का मूल्यांकन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे सिर्फ वादों पर नहीं, बल्कि उम्मीदवारों के पिछले काम और विश्वसनीयता पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, कई मतदाताओं ने अपने मन बना लिए हैं, और इसका नतीजा 11 नवंबर को मतपेटियों में झलकेगा।

तीनों दलों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई

नुआपड़ा उपचुनाव न केवल तीनों दलों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है, बल्कि यह पश्चिमी ओडिशा में भविष्य की सियासी दिशा तय करने वाला भी साबित हो सकता है। भाजपा अपनी सत्ता को और मजबूत करने के लिए संघर्षरत है, जबकि बीजद इस क्षेत्र में खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश में जुटी है। कांग्रेस पुराने गौरव को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। अब नजरें 11 नवंबर पर टिकी हैं, जब मतदाता तय करेंगे कि नुआपड़ा की बागडोर किसके हाथों में जाएगी।

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

पीतावास पंडा हत्याकांड का मुख्य आरोपी फुलबाणी जेल भेजा गया

    पिंटू दास को सुरक्षा कारणों से किया गया स्थानांतरित     दो मुख्य …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *