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48 घंटे के भीतर डिप्रेशन में बदलने की संभावना
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फिलहाल चक्रवात बनने का कोई पूर्वानुमान नहीं
भुवनेश्वर। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि 21 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो बाद में दबाव में परिवर्तित होकर गहरा हो सकता है। हालांकि, विभाग ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी चक्रवात या सुपर चक्रवात का अनुमान नहीं है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि संभावित सिस्टम के उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ने और बनने के 48 घंटे के भीतर डिप्रेशन में बदलने की संभावना है, यानी 23 अक्टूबर की सुबह तक इसकी स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
महापात्र ने कहा कि फिलहाल चक्रवात बनने का कोई पूर्वानुमान नहीं है। लेकिन 21 अक्टूबर को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो आगे चलकर डिप्रेशन में बदल सकता है।
उन्होंने बताया कि यह सिस्टम दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा और तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के तटों की ओर अग्रसर हो सकता है।
चक्रवाती गतिविधियों पर विशेष नजर
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर का महीना बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की दृष्टि से सबसे सक्रिय माना जाता है। अमेरिकी जीएफएस मॉडल के उपग्रह आंकड़ों के अनुसार, इस महीने एक या दो चक्रवाती प्रणालियों के विकसित होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि आईएमडी अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी निश्चित भविष्यवाणी के लिए यह समय पूर्व है।
आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि स्पष्ट तस्वीर निम्न दबाव क्षेत्र बनने के बाद ही सामने आएगी। फिलहाल दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में मूसलाधार वर्षा और मध्यम हवाओं की संभावना जताई गई है।
ओडिशा सतर्क लेकिन फिलहाल सुरक्षित क्षेत्र में
आईएमडी के अनुसार, संभावित प्रणाली का मार्ग ओडिशा से फिलहाल दूर है। हालांकि विभाग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है, क्योंकि राज्य में अक्टूबर माह में तीव्र चक्रवातों का इतिहास रहा है। अगले 72 घंटे अत्यंत महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं, जिनमें यह स्पष्ट होगा कि निम्न दबाव क्षेत्र समुद्र में कमजोर पड़ेगा या और अधिक सशक्त होगा।
अंडमान सागर में ऊंची लहरों की संभावना
महापात्र ने बताया कि दक्षिण बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर में तेज हवाओं और ऊंची लहरों की संभावना है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और जो पहले से समुद्र में हैं, उन्हें 21 अक्टूबर से पहले तट पर लौट आने को कहा गया है।
ओडिशा पर कम दबाव क्षेत्र का असर नहीं
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने स्पष्ट किया कि संभावित निम्न दबाव क्षेत्र, जो आगे चलकर डिप्रेशन में बदल सकता है, का ओडिशा पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
तमिलनाडु-आंध्र तट की ओर बढ़ेगा सिस्टम
मौसम विज्ञानी अभिजीत साहू ने बताया कि यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए 23 या 24 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु तट के निकट पहुंच सकती है। इसके काकीनाड़ा (मध्य आंध्र) के पास तट से टकराने की संभावना है, लेकिन अभी इसके मार्ग या ताकत को लेकर कोई निश्चित पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से ओडिशा में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है, परंतु सीधा प्रभाव पड़ने की संभावना बहुत कम है।
तटीय जिलों में हल्की वर्षा जारी
पूर्वी हवाओं के प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिलों केंद्रापड़ा, भद्रक और बालेश्वर में हल्की वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के कुछ इलाकों में 23 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम वर्षा या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना बनी हुई है।