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ओडिशा में कांवरियों की बोल बम यात्रा पर लगी रोक
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सावन में शिवालयों में जलाभिषेक की अनुमति नहीं
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नदियों से जल नहीं उठाने प्रतिबंध
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विशेष राहत आयुक्त ने की लोगों के सहयोग की सराहना
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कोरोना की समाप्ति तक सहयोग देने की अपील भी की
बिभा तिवारी, भुवनेश्वर
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में सावन माह में कावंरियों की बोल बम यात्रा पर रोक लगा दी गयी है. इस दौरान लिंगराज मंदिर समेत सभी शिवालयों में जलाभिषेक की अनुमति नहीं होगी और ना ही कोई भक्त इस दौरान नदियों से जल लेकर किसी मंदिर तक जा पायेगा.
राज्य के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने आज एक विशेष पत्रकार सम्मेलन में कहा कि राज्य में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसलिए ओडिशा में बोल बम उत्सव का आयोजन नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि शिव भक्तों को जलाभिषेक के लिए एकत्रित होने नहीं दिया जायेगा और ना ही किसी जलाशय से जल लेने की अनुमति दी जायेगी और ना ही सार्वजनिक रास्ते से उनको जाने की अनुमति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि हालांकि यह सावन का महीना ओड़िया महीनों में से एक लोकप्रिय महीना है, लेकिन कोरोना ने पूरी दुनिया में संकट खड़ा कर दिया है. इसका कहर ओडिशा में भी जारी है. इसलिए इस साल बोल बम यात्रा नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि यदि किसी को इस नियम का उल्लंघन करते पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार और ओडिशा सरकार के आदेशों के मद्देनजर इस महीने में किसी भी तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं है और कोरोना महामारी के फैलने की व्यापक संभावना है.
विशेष राहत आयुक्त ने इस दौरान राज्य सरकार के साथ सहयोग करने के लिए ओडिशा के लोगों की सराहना की और भविष्य में इसी तरह के सहयोग की मांग की, जब तक कि महामारी समाप्त नहीं हो जाती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 जुलाई तक देशभर में सभी धार्मिक कार्यों को प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अतिरिक्त स्थिति के आकलन के आधार पर राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को उनके क्षेत्रों में गतिविधियों को समय-समय पर आवश्यक प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत किया गया है. इसे देखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य में सभी देवालयों या धार्मिक स्थलों को 31 जुलाई तक के लिए बंद कर दिया है तथा सभी सामाजिक, राजनीति और धार्मिक कार्य या जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सावन के पवित्र महीने में ओडिशा में भी शिवभक्त विभिन्न नदियों से जल लेकर पैदल लिंगराज मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों में भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हैं. इस दौरान वह विभिन्न इलाकों से होते हुए पैदल मंदिरों तक जाते हैं. सोमवार और शुक्रवार को शिवालयों में काफी भीड़ उमड़ती है. इस दौरान कोरोना के विस्तार की संभावना को देखते हुए राज्य में इसके आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.