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1 मई 2025 से लागू होगी योजना
भुवनेश्वर। भारत सरकार की ‘एक राज्य – एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)’ योजना के तहत ओडिशा ग्राम्य बैंक और उत्कल ग्रामीण बैंक का 1 मई 2025 से एकीकृत कर एकल इकाई में बदल दिया जाएगा। यह निर्णय देशभर में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संचालन दक्षता बढ़ाने और लागत को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
15 आरआरबी का होगा विलय
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, 11 राज्यों, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान, में 15 आरआरबी का एकीकरण किया जाएगा। यह चौथा चरण है जिसमें देशभर के आरआरबी की संख्या घटकर 43 से 28 रह जाएगी।
जनहित और क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय
यह विलय क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23ए(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर किया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्णय जनहित, विलय किए जा रहे क्षेत्रों के विकास और स्वयं RRBs के हित में लिया गया है।
बताया गया है ओडिशा ग्राम्य बैंक का प्रायोजक इंडियन ओवरसीज बैंक है, जबकि उत्कल ग्रामीण बैंक का भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)। इन बैंकों की स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लघु कृषकों, कृषि श्रमिकों और कारीगरों को ऋण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़, पूंजी निवेश पहले ही हो चुका
नवगठित इकाई की अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़ होगी। इसके पहले केंद्र सरकार ने आरआरबी के सुदृढ़ीकरण के लिए वर्ष 2021-22 में 5,445 करोड़ की पूंजी निवेश करने का निर्णय लिया था, जो दो वर्षों में वितरित किया गया।