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ढेंकानाल और केंदुझर में दहशत का माहौल
भुवनेश्वर। ओडिशा में मानव-हाथी संघर्ष की एक और दुखद घटना सामने आई है। ढेंकानाल जिले के कामाख्यानगर ब्लॉक के कोरइयापाल गांव में रविवार को एक हाथी ने मंदिर के पुजारी को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।
62 वर्षीय विद्याधर देहुरी रोज की तरह पास के एक जलस्रोत पर अपने सुबह के पूजा-पाठ कर रहे थे, तभी अचानक जंगल से एक अकेला हाथी निकलकर उन पर हमला कर दिया। हाथी ने उन्हें पटक दिया और उनके दाहिने पैर में गंभीर चोट पहुंचाई। फिर पैरों तले रौंदकर उनकी जान ले ली।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गंभीर रूप से घायल देहुरी को कामाख्यानगर मेडिकल सेंटर ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना के बाद वन विभाग ने पीड़ित के परिवार को राज्य सरकार की मानव-वन्यजीव संघर्ष मुआवजा योजना के तहत आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।
केंदुझर में हाथी ने मचाया हड़कंप
केंदुझर जिले के आनंदपुर अनुमंडल के गड़ा बंधोगड़ा गांव में बीते कुछ दिनों से एक दंतैल हाथी ने आतंक मचा रखा है। माना जा रहा है कि यह हाथी गांव के पास स्थित काजू जंगल से भटककर बस्ती में आ गया।
गांव में दहशत का माहौल है और लोग हाथी के किसी भी संभावित हमले को लेकर सतर्क हैं। वन विभाग के अधिकारी हाथी को गहरे जंगल की ओर खदेड़ने के प्रयास में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह हाथी जाजपुर जिले के तोमका रिजर्व फॉरेस्ट से भटककर इस क्षेत्र में आ गया।
कुएं में मिला हाथी का सड़ा-गला शव
ओडिशा के आठगढ़ वन क्षेत्र के केंदुटोकली गांव के पास एक बंद पड़े कुएं से एक हाथी का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। स्थानीय लोगों ने इलाके में तेज दुर्गंध महसूस की, जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई।
हाथी की मौत के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जांच जारी है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। अधिकारियों ने यह भी आशंका जताई है कि यह हाथी प्राकृतिक कारणों से मरा या फिर शिकारी इसके पीछे हो सकते हैं।