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मंत्री ने पूर्व बीजद सरकार पर साधा निशाना, जांच के आदेश
भुवनेश्वर। राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि राज्य में लगभग 4 लाख ऐसे लोग जो नियमित रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं और राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं। हालांकि यह सुविधा आमतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए होती है।
मंत्री ने इस अनियमितता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकारियों को फील्ड सत्यापन के बाद इन मामलों की प्रामाणिकता की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राशन वितरण योजनाओं का लाभ केवल जरूरतमंदों को मिले।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान ऐसी कुप्रबंधन की घटनाएं आम थीं, जहां राशन कार्ड मनमर्जी से वितरित किए जाते थे।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने और गड़बड़ियां साबित होने के बाद प्रणाली के दुरुपयोग को ठीक करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
बढ़ते जनदबाव के बीच राज्य सरकार इस तरह के दुरुपयोग को रोकने और असली जरूरतमंदों के हितों की रक्षा के लिए मजबूत तंत्र लागू करने पर काम कर रही है।
जारी सत्यापन अभियान के हिस्से के रूप में 41 लाख से अधिक आवेदक वर्तमान में अपने इलेक्ट्रॉनिक “नो योर कस्टमर” विवरण को अपडेट कर रहे हैं। यह प्रक्रिया उन अयोग्य लाभार्थियों की वास्तविक संख्या का पता लगाने में मदद करेगी, जिन्हें “घोस्ट” राशन कार्डधारी कहा जाता है।
नए राशन कार्ड के लिए पोर्टल तब तक नहीं खुलेगा, जब तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। पात्र ने कहा कि ई-केवाईसी सत्यापन की समाप्ति से राशन लाभ के वितरण में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी।